मानवीय रुचि: जम्मू के सांबा में ईपीएफओ की जानकारी देने के लिए आयोजित किया गया जागरुकता कार्यक्रम

जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), जम्मू क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को "निधि आपके निकट 2.0" जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन डीसी कॉम्प्लेक्स में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय, सांबा के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल सेवाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना था, जिसमें श्रमिकों और नियोक्ताओं को सीधे मार्गदर्शन और शिकायत निवारण पर विशेष ध्यान दिया गया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 16:23 GMT

सांबा, 27 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), जम्मू क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को "निधि आपके निकट 2.0" जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन डीसी कॉम्प्लेक्स में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय, सांबा के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल सेवाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना था, जिसमें श्रमिकों और नियोक्ताओं को सीधे मार्गदर्शन और शिकायत निवारण पर विशेष ध्यान दिया गया।

इस कार्यक्रम में यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) सक्रियण प्रक्रिया, शिकायत निवारण तंत्र, डिजिटल सेवा जागरूकता, धोखाधड़ी से बचाव के उपाय, कर्मचारियों के अधिकार और नियोक्ताओं की जिम्मेदारियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए पीएफ कमिश्नर रिजवानुद्दीन ने आईएएनएस को बताया, "प्रोविडेंट फंड एक्ट के तहत तीन मुख्य योजनाएं हैं। प्रोविडेंट फंड स्कीम, पेंशन स्कीम, और इंश्योरेंस स्कीम। इन योजनाओं के तहत वर्कर्स को कई तरह के लाभ मिलते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई वर्कर एक साल तक प्रोविडेंट फंड का योगदान करता है और उसके बाद किसी घटना का शिकार हो जाता है, तो उसके परिवार को कम से कम ढाई लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलता है। जैसे-जैसे प्रोविडेंट फंड में जमा राशि बढ़ती है, वैसे-वैसे इंश्योरेंस की राशि भी बढ़ती है, जो कि अधिकतम सात लाख रुपये तक हो सकती है।"

उन्होंने आगे कहा, "यदि किसी वर्कर की सैलरी 15,000 रुपये से कम है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन का लाभ मिलेगा। यदि वर्कर का एक महीना या एक दिन का भी योगदान होता है, तो उसके परिवार को जीवन भर की पेंशन मिलती है। उदाहरण के तौर पर, खूनी नाला में हुए हादसे में दो स्थानीय वर्कर्स की मृत्यु हुई थी, और उनके परिवारों को लगभग साढ़े चार हजार रुपये की पेंशन मिल रही है, जिसमें बच्चों और विधवा का भी हिस्सा शामिल है।"

उन्होंने कहा, "यह सभी लाभ उन वर्कर्स को मिलते हैं जो प्रोविडेंट फंड में रजिस्टर्ड होते हैं। मैंने देखा है कि यहां कुछ फैब्रिकेटर्स और खनन उद्योगों में ऐसी शिकायतें आई हैं कि कुछ वर्कर्स को प्रोविडेंट फंड का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इन संस्थानों को मैं चेतावनी देता हूं कि वे जल्द से जल्द अपने वर्कर्स को प्रोविडेंट फंड का सदस्य बनाएं, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि कहीं भी कोई वर्कर ऐसा पाया जाता है जिसे प्रोविडेंट फंड का लाभ नहीं मिल रहा है, तो उसे हम सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।"

एक अन्य कर्मचारी मोहन सिंह ने बताया, "हमारे साथ-साथ कई अन्य इंडस्ट्रीज ने भी इसमें भाग लिया है और यह एक बहुत अच्छा अनुभव रहा। क्योंकि, हमें बहुत सारी नई जानकारी मिली। हालांकि, एक नियोक्ता के रूप में हम कई चीजें पहले से ही अपने यहां लागू कर रहे हैं, लेकिन इसके अलावा कुछ नई सुविधाएं भी हैं जो आने वाले समय में हमारे लिए और हमारे कामकाजी साथियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगी। जैसे कि मैंने यहां एक सवाल उठाया था, कि जिन कर्मचारियों की सेवा 2019 के बाद शुरू हुई और जिनकी ईपीएफओ सेवा तब से सक्रिय हुई, क्या उनकी पिछली सेवा को भी इसमें शामिल किया जाएगा या नहीं? इस पर उन्हें बहुत अच्छे तरीके से स्पष्ट किया।"

चिकित्सा अधिकारी सोनाली शर्मा ने बताया, "आज ऑफिस में जो सत्र आयोजित किया गया था, वह हमारे लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ। यहां हमने कई महत्वपूर्ण बातें सीखी। यहां बताया गया कि कर्मचारियों को कैसे जोड़ना है, उनके यूनियन को कैसे एक्टिवेट करना है, और उनका रजिस्ट्रेशन कैसे करना है। खासकर जो नए कर्मचारी इस वित्तीय वर्ष में जुड़े हैं, उनका रजिस्ट्रेशन हमें 30 नवंबर से पहले पूरा करना है। इसके अलावा, हमारे द्वारा उठाए गए सवालों जैसे कि मेडिकल ब्लॉक और पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए ईपीएफ कटौती, सबका समय पर हो रहा है और सभी समस्याओं का समाधान भी समय पर किया जा रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, " हमारे कार्यक्रम प्रबंधन यूनिट और ब्लॉक स्तर पर, हर ब्लॉक में दो कर्मचारी हैं जिनकी ईपीएफ कटौती नहीं हो रही है, इस मुद्दे को हमने अपने अधिकारियों के सामने रखा है। सर, ने कहा कि हम एक प्रस्तुति दें, और इस पर काम किया जाएगा। जब ईपीएफ की कटौती शुरू हुई थी, उस वक्त हमारी सैलरी 15,000 से ऊपर थी और तब यह हम पर लागू नहीं था। लेकिन, अब सभी कर्मचारी चाहते हैं कि उनकी कटौती समय पर हो। सर, ने कहा कि हम इसके लिए एक आवेदन दें, और इस पर काम किया जाएगा।"

उन्होंने कहा, "हमने पहले भी इस मुद्दे को उठाया था। ऑनलाइन सबमिट करने के दौरान, अगर कोई दस्तावेज़ दूसरे ब्लॉक से ट्रांसफर हो रहा हो, तो उसे कैसे मैनेज करना है, यह सब हमें बहुत अच्छे से समझाया गया। इस प्रक्रिया से संबंधित कई सवालों का समाधान हम पहले ही समझ चुके हैं।"

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