राष्ट्रीय: समुद्री संकट में बचाव का अभ्यास करेंगे भारतीय तटरक्षक बल

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) समुद्र में फंसे लोगों को बचाने का एक महत्वपूर्ण अभ्यास करने जा रहा है। यह अभ्यास 28 से 29 नवंबर तक केरल के कोच्चि में आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास में आईसीजी के अलावा नौसेना, भारतीय वायु सेना व बंदरगाह प्राधिकरण भी शामिल होंगे। इस दौरान यहां एक विशेष कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह करेंगे। इसमें भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के महानिदेशक एस. परमेश भी होंगे जो राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव समन्वय प्राधिकरण भी हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 10:34 GMT

नई दिल्ली,27 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) समुद्र में फंसे लोगों को बचाने का एक महत्वपूर्ण अभ्यास करने जा रहा है। यह अभ्यास 28 से 29 नवंबर तक केरल के कोच्चि में आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास में आईसीजी के अलावा नौसेना, भारतीय वायु सेना व बंदरगाह प्राधिकरण भी शामिल होंगे। इस दौरान यहां एक विशेष कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह करेंगे। इसमें भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के महानिदेशक एस. परमेश भी होंगे जो राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव समन्वय प्राधिकरण भी हैं।

अभ्यास के दौरान 500 यात्रियों वाले जहाज पर संकट की मॉक ड्रिल होगी। जबकि दूसरे परिदृश्य में 200 यात्रियों वाले विमान को नीचे उतारा जाएगा। समुद्री अभ्यास में संकटग्रस्त यात्रियों को निकालने के विभिन्न तरीके शामिल होंगे। इसमें उपग्रह-सहायता प्राप्त संकट संकेत-दीप, जीवन रक्षक प्रणाली तैनात करने के लिए ड्रोन, हवा से गिराए जाने वाले जीवन रक्षक राफ्ट, रिमोट नियंत्रित जीवन रक्षक प्रणाली के संचालन का उपयोग करके अत्याधुनिक तकनीक को प्रदर्शित किया जाएगा। यह अभ्यास न केवल संचालन की दक्षता और समन्वय का मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, बल्कि यह तटीय क्षेत्र और मित्र देशों के साथ सहयोगात्मक जुड़ाव पर भी केंद्रित है।

इस कार्यक्रम का विषय होगा 'क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से खोज और बचाव क्षमताओं को बढ़ाना' । यह भारतीय खोज, बचाव और उससे भी आगे बढ़कर स्थान, राष्ट्रीयता या परिस्थितियों की परवाह किए बिना बड़े पैमाने पर आकस्मिक हालात में सहायता प्रदान करने का अभ्यास है, जो आईसीजी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड के तत्वावधान में यह पूरा कार्यक्रम किया जा रहा है। कार्यक्रम के पहले दिन गुरुवार को टेबल-टॉप अभ्यास, कार्यशाला और सेमिनार आयोजित किया जाएगा। इसमें सरकारी एजेंसियों, मंत्रालयों तथा सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी और विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी। दूसरे दिन, आकस्मिक हालात के मद्देनजर कोच्चि तट पर बड़े पैमाने पर दो समुद्री अभ्यास किए जाएंगे। इसमें आईसीजी, नौसेना, भारतीय वायु सेना के जहाज और विमान, कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण के यात्री जहाज और सीमा शुल्क विभाग की नावें भाग लेंगी।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में, आईसीजी एक प्रमुख समुद्री एजेंसी के रूप में उभरी है। यह एक स्थायी और प्रभावी समुद्री खोज और बचाव संरचना की दिशा में सरकार के प्रयासों को सही दिशा में आगे बढ़ा रही है। हिंद महासागर क्षेत्र में समन्वय के लिए इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन के सदस्य देशों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा, आईसीजी को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एसएआर गतिविधियों के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। समुद्री सुरक्षा पहलू पर आईसीजी का बढ़ता ध्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समुद्री क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाते हुए भारत की वैश्विक जिम्मेदारी को मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा ।

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