राजनीति: राष्ट्रीय मेडिकोस संगठन भारत ने लिखी सोनिया गांधी को चिट्ठी, राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग
नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन भारत (एनएमओ भारत) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर की टिप्पणियों पर निराशा व्यक्त की है। इन टिप्पणियों में राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लेकर मेमोरी लॉस वाली टिप्पणी की थी। ऐसे में इसको लेकर संगठन नाराज है और राहुल गांधी पर जो बाइडेन की संज्ञानात्मक (कांगिटिव) क्षमताओं का अपमान करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन भारत (एनएमओ भारत) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर की टिप्पणियों पर निराशा व्यक्त की है। इन टिप्पणियों में राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लेकर मेमोरी लॉस वाली टिप्पणी की थी। ऐसे में इसको लेकर संगठन नाराज है और राहुल गांधी पर जो बाइडेन की संज्ञानात्मक (कांगिटिव) क्षमताओं का अपमान करने का आरोप लगाया है।
एनएमओ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. सीबी त्रिपाठी द्वारा जारी पत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा गया है, "राहुल गांधी द्वारा एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के बारे में ऐसी टिप्पणी करना निराशाजनक है। वह उनसे उम्र में काफी वरिष्ठ और बड़े हैं। राहुल गांधी का यह व्यवहार हमारे बुजुर्गों का सम्मान करने की भारतीय संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है। विपक्ष के नेता के लिए ऐसी टिप्पणी अशोभनीय है। यह उनमें समझ और संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है।"
एनएमओ भारत ने आगे चेतावनी दी कि इस तरह के बयानों से गलत सूचना फैलने का जोखिम हो सकता है। उन्होंने कहा, "सार्वजनिक मंच पर इस तरह के बयानों से गलत सूचना फैलने का जोखिम बना रहता है। साथ ही आम धारणा को भी इस तरह से बनाया जा रहा है कि यह वास्तविक रोगियों की समझ और उपचार को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। याददाश्त खोना, या संज्ञानात्मक (कांगिटिव) गिरावट, कई चिकित्सा परिस्थितियों से उत्पन्न हो सकती है। इसमें अल्जाइमर रोग, उम्र से संबंधित मनोभ्रंश जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार या यहां तक कि तनाव या आघात से जुड़ी भूलने की बीमारी जैसी बीमारियां भी शामिल हैं। ये मजाक या राजनीतिक उठापटक के मामले नहीं हैं। इसके विपरीत यह मामले सहानुभूति, जागरूकता और रोगियों और उनके परिवारों द्वारा झेली जाने वाली चुनौतियों की समझ होने की मांग करते हैं। राहुल गांधी की टिप्पणियां भी बढ़ती उम्र से होने वाली उन बीमारियों को इंगित करती हैं जो इंसान की बढ़ती उम्र में संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के बारे में नकारात्मक सोच को बढ़ावा देती हैं।"
संगठन ने राहुल गांधी से भी अपनी टिप्पणियों पर दोबारा विचार करने और माफी मांगने की बात कही है। उन्होंने कहा, "चिकित्सा समुदाय की ओर से, हम राहुल गांधी से अपनी टिप्पणियों पर विचार करने, सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने और भविष्य में ऐसी असंवेदनशील टिप्पणियां करने से बचने की अपील करते हैं। राजनीतिक एकजुटता का होना जरूरी है, न कि कलंक लगाना या मजाक उड़ाना।"
एनएमओ भारत के इस पत्र में देश में बुजुर्गों पर ऐसी टिप्पणियों से होने वाले असर पर जोर देते हुए कहा गया, "राहुल गांधी की यह टिप्पणी सिर्फ ऐसी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए ही अपमानजनक नहीं है, बल्कि देश के उन अनगिनत वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी अपमानजनक है जो अपनी बीमारियों के बाद भी समाज में सार्थक योगदान दे रहे हैं।"
इस पत्र में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बीमारियों को लेकर चलने वाली अफवाहों के साथ उनके निजी अनुभव का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया, "सोनिया गांधी आप व्यक्तिगत रूप से अपनी बीमारी की अफवाहों, गलत सूचनाओं और आरोपों का शिकार रही हैं। आपको पता होगा कि इस तरह की कहानियां न सिर्फ ऐसे व्यक्तियों के लिए बल्कि समाज के लिए भी कितनी हानिकारक हो सकती है।"
अंत में एनएमओ ने सोनिया गांधी से मामले की गंभीरता को समझने की अपील की और कहा, "इससे हमें विश्वास होता है कि आप इसे समझ सकती हैं कि आपके बेटे की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और गुमराह करने वाली क्यों थी।"
इस पत्र के अंत में संवेदनशील स्वास्थ्य मुद्दों पर सम्मानजनक रवैया अपनाने की अपील करते हुए कहा गया, "एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के नेता के रूप में, राहुल गांधी प्रभावशाली पद पर हैं और इसके साथ ही उन पर लोगों के स्वास्थ्य के सम्मान करने की जिम्मेदारी भी है। यह जिम्मेदारी तब और बढ़ जाती है जब यह लाखों लोगों को प्रभावित करती है। ऐसे मामलों को हल्के में लेना न केवल मरीजों के संघर्ष को कमतर आंकता है, बल्कि हमारे नेताओं से अपेक्षित समझ और सहानुभूति को भी खराब तरीके से दर्शाता है।"
संगठन की तरफ से कहा गया है कि, हम चिकित्सकों की तरफ से राहुल गांधी से अपील करते हैं कि वह अपनी टिप्पणियों पर विचार करें, साथ ही इस टिप्पणी को लेकर माफी मांगें और भविष्य में ऐसी असंवेदनशील टिप्पणियां करने से बचें।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|