राजनीति: पीएम मोदी की आचार्य प्रमोद कृष्णम को चिट्ठी, कहा- देश विरासत के साथ विकास की राह पर है अग्रसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को चिट्ठी लिखी है। पीएम मोदी ने श्री कल्कि धाम के निर्माण हेतु 108 कुंडीय श‍िलादान महायज्ञ में हिस्सा ले रहे सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-07 10:32 GMT

नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को चिट्ठी लिखी है। पीएम मोदी ने श्री कल्कि धाम के निर्माण हेतु 108 कुंडीय श‍िलादान महायज्ञ में हिस्सा ले रहे सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

पीएम मोदी ने कहा कि हम विरासत के साथ विकास की राह पर अग्रसर हैं। अमृत काल में एक भव्य व विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर बढ़ रहे देशवासियों के आत्मबल और आंतरिक शक्ति को बढ़ाने में अध्यात्म और ज्ञान की बड़ी भूमिका रहेगी।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी द्वारा लिखी चिट्ठी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर की। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक्स पर लिखा, ''सनातन “संस्कृति” और भारतीय परंपराओं के संरक्षक के साथ-साथ, श्री कल्कि धाम के प्रति आपके आत्मीय भाव के इस संबंध को प्रणाम करते हुए शुभकामना संदेश भेजने के लिये आपका हार्दिक “आभार” व्यक्त करता हूं।''

पीएम मोदी ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को चिट्ठी में लिखा, ''आचार्य प्रमोद कृष्णम् जी, श्री कल्कि धाम, संभल के निर्माणार्थ होने वाली समस्त तैयारियों के पूर्ण होने के बारे में जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। श्री कल्कि धाम के निर्माण हेतु 108 कुंडीय शिलादान महायज्ञ में हिस्सा ले रहे सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं। भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि का यह अद्भुत कालखंड है। पिछले कुछ वर्षों में हमने अयोध्या में रामलला के विराजमान होने, काशी के कायाकल्प व बाबा विश्वनाथ धाम के वैभव को देखा। इस दौरान सोमनाथ के विकास और केदार घाटी के पुनर्निर्माण से लेकर महाकाल के महालोक तक हमारे तीर्थ स्थलों से जुड़े बुनियादी ढांचे को बेहतर किया गया है।''

उन्होंने आगे लिखा, ''इस साल फरवरी में मुझे श्री कल्कि धाम के शिलान्यास का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुझे विश्वास है कि यह पावन धाम हमारी आस्था के विराट केंद्र के रूप में उभरेगा। हमारी विभिन्न उपलब्धियों में देशवासियों के अथक परिश्रम के साथ-साथ ईश्वरीय चेतना भी निहित है। किसी भी कार्य को करने से पहले ईश्वर का स्मरण हमारे संस्कारों में रहा है और हम विरासत के साथ विकास की राह पर अग्रसर हैं। अमृत काल में एक भव्य व विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर बढ़ रहे देशवासियों के आत्मबल और आंतरिक शक्ति को बढ़ाने में अध्यात्म और ज्ञान की बड़ी भूमिका रहेगी। श्री कल्कि धाम के निर्माण से जुड़े सभी लोगों, संत-महापुरुषों को इस विशेष अवसर की बधाई। भगवान कल्कि की कृपा से देशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार हो, यही प्रार्थना है।''

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