स्वास्थ्य/चिकित्सा: छठ पूजा में अगर आप भी यमुना में खड़े होकर देते हैं अर्घ्‍य तो हो जाइए सतर्क, गंभीर बीमारियों का है खतरा

देश में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में भी पूर्वांचल के लोग इस पर्व को उत्साह और भक्ति भाव से मनाते हैं। दिल्ली में लोग बड़े पैमाने पर यमुना में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्‍य देते हैं। लेकिन दिल्ली में यमुना के पानी में प्रदूषण स्तर चरम पर होने से लोगों को इससे नुकसान भी हो सकते हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-05 16:07 GMT

नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)। देश में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में भी पूर्वांचल के लोग इस पर्व को उत्साह और भक्ति भाव से मनाते हैं। दिल्ली में लोग बड़े पैमाने पर यमुना में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्‍य देते हैं। लेकिन दिल्ली में यमुना के पानी में प्रदूषण स्तर चरम पर होने से लोगों को इससे नुकसान भी हो सकते हैं।

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर एसी भरिजा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “जब पानी गंदा हो, तो उसमें स्नान करना निश्चित ही समस्या पैदा कर सकता है। इस प्रकार के पानी में आपको कुछ न कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। यदि आप बिना कपड़ों के पानी में उतरते हैं, तो आपकी त्वचा पर पानी के जो रासायनिक तत्व होते हैं, वे सीधे संपर्क करेंगे। इससे त्वचा में जलन, खुजली, या रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।”

उन्होंने बताया, “अगर आप कपड़े पहनकर भी पानी में उतरते हैं, तो भी यह निर्भर करता है कि आप कितनी देर तक पानी में रहते हैं। पानी में लंबे समय तक खड़े रहने से उस पानी में मौजूद जहरीले रासायनिक तत्व और भारी धातुएं त्वचा में प्रवेश कर सकती हैं, इससे जलन और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ लोगों की त्वचा में पहले से ही एलर्जी की प्रवृत्ति होती है। यदि ऐसे लोग गंदे पानी में स्नान करते हैं या पानी में कोई रासायनिक पदार्थ होता है, तो उनकी एलर्जी और भी बढ़ सकती है। खासकर साबुन या किसी अन्य पदार्थ के संपर्क में आने पर उनका शरीर रिएक्ट कर सकता है, इससे त्वचा लाल हो सकती है और सूजन, खुजली या रैशेज जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “एलर्जी की प्रतिक्रिया हल्की से लेकर गंभीर तक हो सकती है। कभी-कभी यह मामूली खुजली या रैशेज के रूप में होती है, लेकिन अगर समस्या गंभीर हो जाए तो यह त्वचा पर बहुत अधिक सूजन और दर्द पैदा कर सकती है। इसलिए प्रदूषित पानी में खड़ा रहना बहुत हानिकारक हो सकता है, और इससे त्वचा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। यह एक गंभीर चिंता का विषय है कि ऐसे गंदे पानी में स्नान करना स्वास्थ्य के लिए कितना जोखिमपूर्ण हो सकता है।”

इसके बाद यमुना में उठ रहे झाग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “यह तो एक प्रदूषित जल है, इसमें रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण झाग भी बन रहे हैं। ये सारे रासायनिक तत्व और औद्योगिक कचरा सीधे यमुना नदी में जा रहे हैं, जो इसे और भी गंदा बना देते हैं। अब जब इस पानी में आप खड़े रहेंगे, तो निश्चित ही स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे एलर्जी या अस्थमा जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही एलर्जी है, तो वह पानी में डुबकी लगाने से और भी परेशान हो सकता है। मान लीजिए, अगर पानी नाक या गले में चला जाए, तो अंदर भी संक्रमण या अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।”

उन्होंने कहा, “इसी तरह, बाहर से त्वचा पर जो रिएक्शन होगा, वह तो निश्चित ही होगा, लेकिन अंदर से भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, अगर व्यक्ति पानी के संपर्क में लंबे समय तक रहता है, तो और भी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इनमें संक्रमण, पेट की बीमारियां और सांस की दिक्कतें शामिल हो सकती हैं। इसलिए गंदे पानी से बचना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।”

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