राजनीति: भोपाल एम्स में कैंसर पीड़ित बच्चों ने मनाई दीपावली

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित बच्चों ने दीपों का पर्व दीपावाली धूमधाम, उत्साह और उमंग के साथ मनाया। इस दौरान गीत-संगीत का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें बच्चों ने भी हिस्सा लिया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-31 10:59 GMT

भोपाल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित बच्चों ने दीपों का पर्व दीपावाली धूमधाम, उत्साह और उमंग के साथ मनाया। इस दौरान गीत-संगीत का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें बच्चों ने भी हिस्सा लिया।

भोपाल एम्स में कैंसर पीड़ित कई बच्चों का उपचार चल रहा है। जो लंबे अरसे से अस्पताल में हैं। यह बच्चे भी दीपावली के उत्सव का हिस्सा बनें, इसी मकसद से विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बच्चों ने भी पूरे उत्साह और उमंग के साथ हिस्सा लिया और नर्सिंग स्टाफ तथा चिकित्सकों के साथ गाना गया, कविता पाठ भी किया। इससे बच्चों के वार्ड का माहौल खुशनुमा हो गया ‌।

इस मौके पर एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर अजय सिंह ने कहा कि हमारी टीम हमेशा प्रयास करती है कि इन बच्चों को घर जैसा माहौल महसूस हो, खासकर ऐसे कठिन समय में। दीपावली आशा और प्रकाश का पर्व है। आज हमने इन्हीं बच्चों की जिंदगी में थोड़ी रोशनी लाने की कोशिश की है। यह सभी बच्चे स्वस्थ हों और उनका भविष्य सुखमय हो यही कामना करते हैं।

एम्स के बाल रोग विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों के लिए केक का इंतजाम किया गया था और एक संस्था ने बच्चों को उपहार भी बांटे। वार्ड को रंगोली और दीपों से सजाया गया, इसमें बच्चों के माता-पिता के साथ स्टाफ ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

दीपावली के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम से पूरे वार्ड का माहौल घर के रंग में बदल गया। बच्चों के साथ में उनके परिजनों का भी उत्साह साफ नजर आ रहा था।

एम्स के बाल रोग विभाग में लंबे अरसे से कैंसर के बच्चों का उपचार जारी है। उपचार में लगे चिकित्सकों के अलावा नर्सिंग स्टाफ ने भी यह महसूस किया कि इन बच्चों के साथ दीपावली पर्व मनाया जाए। उसी के चलते यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन ने बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाई और नई उम्मीद की किरण जगाई। इसके साथ ही एम्स ने मरीज केंद्रित देखभाल के अपने संकल्प को फिर दोहराया।

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