राजनीति: हिमाचल कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति पर राजभवन-सरकार के बीच तकरार

हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और प्रदेश सरकार आमने-सामने आ गई है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट शब्दों में कहा कि कुलपति की नियुक्ति में हुई देरी को लेकर राजभवन पर लगाये गये आरोप पूरी तरह गलत हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-27 12:46 GMT

शिमला, 27 जून (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और प्रदेश सरकार आमने-सामने आ गई है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट शब्दों में कहा कि कुलपति की नियुक्ति में हुई देरी को लेकर राजभवन पर लगाये गये आरोप पूरी तरह गलत हैं।

उन्होंने कहा, "राजभवन की तरफ से कोई देरी नहीं की गई है।"

इससे पहले कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कृषि विश्वविद्यालय में नियमित कुलपति की नियुक्ति में देरी के बारे में कहा था कि इस संबंध में राजभवन में परिपत्र लंबित है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक पारित किया था जिसके तहत कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की नियुक्ति का पूरा अधिकार सरकार को देने का प्रावधान है। वजह यह बताई गई है कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय को अनुदान देती है इसलिए नियुक्ति उसी की इच्छानुसार होनी चाहिए।

राज्यपाल शुक्ला ने कहा कि इस संबंध में जो परिपत्र राजभवन को भेजा गया था उसे उन्होंने राष्ट्रपति के पास समीक्षा के लिए भेज दिया है। विधानसभा द्वारा पारित विधेयक सही है या गलत, इस पर राष्ट्रपति को फैसला लेना है। इसलिए राजभवन के पास कोई परिपत्र लंबित नहीं है।

उन्होंने कहा कि वह खुद चाहते हैं कि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति समय पर हो। लेकिन यह "जरूरी नहीं कि राज्य सरकार जो चाहेगी राजभवन वही करेगा। मैं नियमों के खिलाफ जाकर कोई भी काम नहीं करूंगा। मैं अपने पद की गरिमा बनाए रखूंगा"।

राज्यपाल ने कहा कि इस बीच कुलपति की नियुक्ति के लिए उन्होंने पुराने नियमों के तहत तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग समिति बनाई थी, लेकिन कृषि विश्वविद्यालय के ही किसी शिक्षक ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर दी थी, और फिलहाल उस प्रक्रिया पर अदालत का स्टे लगा हुआ है।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी एक साल से ज्यादा समय से नियमित कुलपति की नियुक्ति न होने पर राज्य सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव को ही स्क्रीनिंग समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। एक साल बीत जाने पर भी कुलपति की नियुक्ति नहीं हो सकी है।

प्रदेश में कानून-व्यवस्था के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है, यहां आपराधिक मामले कम होते हैं, इसलिए जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं तो प्रमुखता से नजर आती हैं।

उन्होंने कहा, "मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की हालत बहुत ज्यादा खराब है। लेकिन सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। शांत प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सही रखना होगा।"

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