राजनीति: नीट यूजी एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा, संसद के घेराव का भी ऐलान
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में आई विसंगतियों पर कई छात्र संगठन विरोध जता रहे हैं। इस बीच बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की गई।
नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में आई विसंगतियों पर कई छात्र संगठन विरोध जता रहे हैं। इस बीच बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की गई।
कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने नीट में घोटाले का आरोप लगाया और कहा कि इसकी जिम्मेदारी लेते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। इस मुद्दे पर एनएसयूआई से जुड़े छात्र 180 से अधिक विश्वविद्यालयों और 250 जिलों में विरोध-प्रदर्शन करेंगे। साथ ही 24 जून को संसद का घेराव भी करेंगे।
इसके साथ ही छात्र संगठन ने परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर भी तत्काल प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। एनएसयूआई का कहना है कि नीट में हुआ यह देश को हिला देने वाला घोटाला है।
कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में बुधवार को एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि नीट प्रक्रिया में कई अनियमितताओं और कदाचार के उदाहरण सामने आए हैं। उन्होंने निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा आयोजित करने में एनटीए की अखंडता और विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया।
वरुण चौधरी ने नीट में घोटाले का आरोप लगाया और कहा कि अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रहने पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इस्तीफा देना चाहिए। मुद्दे को पर्याप्त रूप से संबोधित करने में शिक्षा मंत्री की असमर्थता, भ्रष्टाचार मुक्त शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित करने के उनके कर्तव्य में विफलता का संकेत देती है। नीट घोटाले से प्रभावित छात्रों को न्याय मिले।
उन्होंने पारदर्शी जांच और परीक्षा प्रक्रिया में छेड़छाड़ के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि 21 जून को 180 से अधिक विश्वविद्यालयों और 250 जिलों में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो एनएसयूआई अपना विरोध तेज करने के लिए 24 जून को संसद का घेराव करेगी। छात्र, भ्रष्टाचार और कदाचार से मुक्त निष्पक्ष और न्यायसंगत शैक्षिक प्रणाली की वकालत करना जारी रखेंगे।
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