राजनीति: ‘हिंदू-मुस्लिम करना बंद कीजिए’, ओवैसी को बीजेपी के यासिर जिलानी का मुंहतोड़ जवाब

लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली बीजेपी इकाई ने चुनाव आयोग को खत लिखकर पोलिंग बूथ पर मतदान करने पहुंचने वाली बुर्कानशीं महिलाओं की जांच करने की मांग की है, जिस पर अब सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। ओवैसी और वारिस पठान जैसे नेता जहां बीजेपी के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता यासिर जिलानी ने ओवैसी पर पलटवार किया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-24 09:46 GMT

नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली बीजेपी इकाई ने चुनाव आयोग को खत लिखकर पोलिंग बूथ पर मतदान करने पहुंचने वाली बुर्कानशीं महिलाओं की जांच करने की मांग की है, जिस पर अब सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। ओवैसी और वारिस पठान जैसे नेता जहां बीजेपी के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता यासिर जिलानी ने ओवैसी पर पलटवार किया है।

बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के मीडिया इंचार्ज यासिर जिलानी ने कहा, “बीजेपी द्वारा मतदान करने पहुंचने वाली बुर्कानशीं महिलाओं की जांच की मांग करने का मैं समर्थन करता हूं। जहां पहचान दिखाने की बात आती है, हमें चेहरा दिखाना पड़ता है। मुस्लिम समुदाय की बुर्कानशीं महिलाओं को भी अपना चेहरा ऐसी स्थिति में दिखाना पड़ता है। पहचान पत्र में आपकी फोटो और आपके मौजूदा चेहरे का मिलान करना जरूरी है। चुनाव आयोग की ओर से तैनात किए गए महिला अधिकारी अगर आपको चेहरा दिखाने के लिए कहती हैं, तो आपको दिखाना जरूरी है। जब हम हज यात्रा पर जाते हैं, तो वहां भी एयरपोर्ट पर तैनात अधिकारी हमारे चेहरे का मिलान हमारे परिपत्रों से करते हैं। हमें वहां कोई दिक्कत नहीं होती है। यह स्थिति हम बचपन से देखते हुए आ रहे हैं। जहां कहीं भी हमें अपना चेहरा दिखाने की जरूरत होती है, वहां हम दिखाते हैं। हमारे पास मौजूदा परिपत्रों पर लगी तस्वीर से हमारे चेहरे का मिलान कई जगहों पर जरूरी हो जाता है।“

उन्होंने कहा, “अब इसमें असदुद्दीन ओवैसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। आप जिस तरह से दिन ब दिन हिंदू-मुस्लिम का तड़का लगाकर इस मसले पर राजनीति कर रहे हैं, उससे आपका स्तर लगातार गिर रहा है। बीजेपी ने यह भी कहा है कि जिन लोगों ने मास्क, गमछा लगाया हुआ है, उसे भी अपनी पहचान जाहिर करनी होगी, तो ऐसे में ओवैसी जी आपको ही मिर्ची क्यों लग रही है? मेहरबानी कर आप एक अच्छे वातावरण में जहर घोलने की कोशिश मत कीजिए। मेरा मुस्लिम समुदाय की बुर्कानशीं महिलाओं से अपील है कि जब आप मतदान करने जाएं और आपसे वहां तैनात चुनाव आयोग के अधिकारी आपको पहचान जाहिर करने के लिए कहें, तो आप अपनी पहचान जाहिर करने में संकोच ना करें। ये आपका अधिकार है और जो लोग वहां बैठे हैं, उनका भी अधिकार है और मेरी गुजारिश है कि इस विषय को राजनीति से दूर रखा जाए, क्योंकि यह राजनीतिक विषय है ही नहीं।“

बता दें कि दिल्ली बीजेपी इकाई ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर बुर्कानशीं महिलाओं की जांच के लिए मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों और अन्य महिला अधिकारियों की तैनाती की मांग की। इस पर पहले ओवैसी और इसके बाद वारिस पठान ने आपत्ति जताई।

ओवैसी ने बीजेपी के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा, “भाजपा के दिल्ली इकाई ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि बुर्के में औरतों की खास जांच होनी चाहिए। तेलंगाना में पिछले दिनों हुए लोकसभा के मतदान के दौरान इनके उम्मीदवार ने मुस्लिम ख्वातीन की सरेआम बेइज्जती की और परेशान करने का काम किया। हर चुनाव में भाजपा कोई न कोई बहाना ढूंढ कर मुस्लिम महिलाओं को परेशान करती है और निशाना बनाती है। पर्दानशीं औरतों को लेकर निर्वाचन सदन के साफ निर्देश हैं, चाहे वो बुर्के में हों या घूंघट में हों या मास्क में, बिना जांच के किसी को भी वोट देने नहीं दिया जाता है तो फिर भाजपा को ऐसी खास मांग क्यों करनी पड़ी? बस मुस्लिम औरतों को निशाना बनाया जाए, उनको सताया जाए और उन्हें वोट देने में बाधा बनाया जाए।“

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