राजनीति: गोरखपुर के दक्षिणांचल में औद्योगीकरण के युग का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धुरियापार समेत गोरखपुर के जिस दक्षिणांचल को लेकर यह मान लिया गया था कि यहां कुछ हो ही नहीं सकता, उसी गोरखपुर के दक्षिणांचल में महाशिवरात्रि के पावन महापर्व पर औद्योगीकरण के युग का शुभारंभ हो गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-08 13:53 GMT

गोरखपुर, 8 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धुरियापार समेत गोरखपुर के जिस दक्षिणांचल को लेकर यह मान लिया गया था कि यहां कुछ हो ही नहीं सकता, उसी गोरखपुर के दक्षिणांचल में महाशिवरात्रि के पावन महापर्व पर औद्योगीकरण के युग का शुभारंभ हो गया है।

सीएम योगी शुक्रवार को केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ धुरियापार में बने इंडियन ऑयल के सीबीजी (कंप्रेस्ड बायो गैस) प्लांट के लोकार्पण के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान सीएम योगी ने बांसगांव लोकसभा क्षेत्र को 222 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगातें भी दी। सीएम योगी ने 68 करोड़ रुपए से अधिक की 20 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और 154 करोड़ रुपए से अधिक की 17 परियोजनाओं का शिलान्यास किया।

सीएम योगी ने कहा कि यह सीबीजी प्लांट वेस्ट को वेल्थ में बदलने और किसानों की आमदनी बढ़ाने का एक बड़ा उदाहरण है। यह 'आम के आम और गुठलियों के दाम' को चरितार्थ करता है। कुछ दशक पहले धुरियापार में लगी चीनी मिल, गन्ना न मिलने से एक सत्र भी नहीं चल पाई थी तब लोगों ने मान लिया और कि यहां कुछ नहीं हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिणांचल को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से गीडा से जोड़ा जा रहा है। इसका कार्य अंतिम चरण में है। लिंक एक्सप्रेसवे के साथ ही रामजानकी मार्ग का काम तेजी से चल रहा है। गीडा के विस्तार से दक्षिणांचल नए युग में प्रवेश कर जाएगा। यहां के नौजवानों को नौकरी और रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। देश-दुनिया के लोग यहां नौकरी और रोजगार के लिए आएंगे।

उन्होंने कहा कि सीबीजी प्लांट में काम करने वाले 120 लोगों में कुछ गोरखपुर के हैं तो कुछ अन्य जगहों के। पराली की आपूर्ति से किसान और गोबर की आपूर्ति से पशुपालक अपनी आमदनी बढ़ाने में सफल होंगे। सीबीजी प्लांट से प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण भी होगा। यहां तैयार होने वाली जैविक खाद से धरती माता की सेहत भी ठीक रहेगी। जैविक खाद के प्रयोग से खेतों की उर्वरता बनी रहेगी।

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