राजनीति: भारत को पाकिस्तान से करनी चाहिए बात, बांग्लादेश के साथ नहीं बिगड़े रिश्ते मणिशंकर अय्यर (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है और पूर्व पीएम शेख हसीना इस समय भारत में हैं। वह किस देश में शरण लेंगी, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने बांग्लादेश के हालात पर आईएएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत की। उन्होंने वहां के हालातों को लेकर चिंता भी जाहिर की।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-08 05:47 GMT

नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है और पूर्व पीएम शेख हसीना इस समय भारत में हैं। वह किस देश में शरण लेंगी, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने बांग्लादेश के हालात पर आईएएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत की। उन्होंने वहां के हालातों को लेकर चिंता भी जाहिर की।

सवाल : बांग्लादेश और शेख हसीना, भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

जवाब : बांग्लादेश में जितने भी प्रधानमंत्री हुए उनमें हमारे देश के लिए सबसे बेहतरीन शेख हसीना ही रही हैं। उनकी सोच बिल्कुल सेकुलर है। उन्होंने अपने देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के बचाव के लिए, उनकी प्रगति के लिए, उनको बड़े समाज में शामिल करने के लिए बहुत कुछ किया, जो काबिल-ए-तारीफ है।

सवाल : बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे क्या अमेरिका और पाकिस्तान का हाथ है?

जवाब : शायद पाकिस्तान और अमेरिका का दखल रहा हो, ये बताया जा रहा है। लेकिन, अब तक कोई सबूत नहीं है। मुझे खुशी है कि हिंदुस्तान ने शेख हसीना का स्वागत किया है, और यह भी इशारा किया है कि जब तक कि वह खुद तय करती हैं कि वह कहां जाकर बसना चाहती हैं, तब तक उनका भारतवर्ष में स्वागत है। लेकिन, नई सरकार आ रही है। बांग्लादेश को हक है तय करने का कि वहां कौन सरकार चलाएगा। हमारा फर्ज बनता है कि हम अच्छे संबंध कायम रखें। ऐसा न हो कि हम शेख हसीना के खातिर अपने रिश्ते बांग्लादेश के साथ खराब कर लें।

सवाल : क्या शेख हसीना को शरण मिलना चाहिए?

जवाब : मैं इस पर कोई ऐतराज नहीं जताता, वो हमारी बहुत करीबी मित्र रही हैं। उनके मुश्किल दिनों में भारत उन्हें शरण देता आया है। दलाई लामा समेत हमारे पास बहुत सारे ऐसे उदाहरण हैं। हमारी विरासत में ये है कि जो हमारे दोस्त हैं, जब उनके लिए परेशानी आती है तो तब उनको भरोसा होना चाहिए कि उन्हें भारत में शरण मिलेगा।

सवाल : बांग्लादेश में क्यों बिगड़े हालात और भारत में क्या है परिस्थिति?

जवाब : बेरोजगारी बहुत बढ़ चुकी है। बांग्लादेश में आर्थिक विकास के बावजूद वहां बेरोजगारी बढ़ी है। वहां की परिस्थिति और हमारी परिस्थिति काफी अलग है। उनके लोकतंत्र में कमियां हैं। जब उनके चुनाव हुए तो विपक्षी दलों ने इसमें हिस्सा ही नहीं लिया। उनको लगा कि पिछली बार की तरह इस बार भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं होंगे। हमारे यहां वैसी परिस्थिति नहीं है। भारत में विपक्षी पार्टियां चुनाव में हिस्सा लेती हैं।

सवाल : क्या बांग्लादेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए थे?

जवाब : बहुत से सवाल चल रहे हैं। लोगों के मन में सवाल आया कि बांग्लादेश में जो चुनाव संपन्न हुए, वह स्वतंत्र और निष्पक्ष थे। वैसे शक यहां भी है। वहां उभर गए और यहां शुरू हो गया। हमको इससे सबक सीखना है। विकसित भारत बनाना एक चीज है, पर क्या वो आजाद भारत होगा, क्या लोकतांत्रिक भारत होगा। ऐसे सवाल उठते रहते हैं, हमें सावधान रहना होगा।

सवाल : क्या भारत को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए?

जवाब : पता नहीं पाकिस्तान में कुछ लोग खुश क्यों हैं। सरकार की तरफ से जो मेरी जानकारी है, उसमें पक्ष और विपक्ष को लेकर कुछ नहीं बताया गया है। हमारी अपनी अकलियत को बचाकर रखने के लिए भारत को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। दुनिया में ऐसा लगना चाहिए कि जो देश विश्व गुरु बनना चाहता है, वो पड़ोस में जो दुश्मन है, उसके साथ मसलों का हल निकालने का प्रयास कर रहा है।

सवाल : खालिदा जिया की रिहाई से क्या पड़ेगा असर?

जवाब : खालिद जिया रिहा हुई हैं, वे कई वर्षों तक जेल में रहीं। मैं उनको दुश्मन के रूप में नही देखता। हां हमारे कुछ मतभेद जरूर थे।

सवाल : क्या मोदी सरकार के 10 सालों में विकसित बना भारत?

जवाब : विकसित और आजाद को अलग-अलग दृष्टिकोण में देखना गलती होगी। खासतौर पर पिछले 10 सालों में बहुत सा बंटवारा सामने आया है। जरूरी है कि भारत जो विविधता से भरा है, वो 1947 से 2014 तक वैसा ही बना रहा, जिसमें पिछले 10 साल में कमी आई है और इसका नतीजा है कि पिछले चुनाव में लोगों ने सरकार का समर्थन नहीं किया। जो अपेक्षा उनके नेताओं की थी। वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी को वोट प्रतिशत घटा। अयोध्या में एसपी नेता ने भाजपा के अहम लोकल लीडर को हरा दिया। इनसे सबक सीखना चाहिए।

सवाल : कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का बयान कितना सही है?

जवाब : यदि हमारी बुद्धि हो, अनुभवी लोग हों तो हमें गहराई में देखना चाहिए। कैसे हुआ, इससे सबक सीखना चाहिए।

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