राजनीति: उदयपुर जैसी घटना से समाज का नुकसान, लॉ एंड ऑर्डर दुरस्त हो सचिन पायलट
राजस्थान के उदयपुर में स्कूली बच्चों के बीच हुई चाकूबाजी की घटना पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि सरकार को लॉ एंड ऑर्डर दुरस्त करना चाहिए।
उदयपुर, 17 अगस्त (आईएएनएस)। राजस्थान के उदयपुर में स्कूली बच्चों के बीच हुई चाकूबाजी की घटना पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि सरकार को लॉ एंड ऑर्डर दुरस्त करना चाहिए।
सचिन पायलट ने कहा कि सरकार को सख्ती से कानून का पालन कराना चाहिए। अगर कहीं भी कोई हिंसा की घटना हुई है तो उसे शांति से सुलझाना चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं से समाज का कोई भला नहीं होता है।
दरअसल, शुक्रवार को उदयपुर में स्कूली बच्चों में चाकूबाजी की घटना हुई थी। दो बच्चे आपस में लड़ रहे थे और एक बच्चे पर चाकू से वार किया गया। वह घायल हो गया, जिसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, फिलहाल बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है।
बच्चों के बीच चाकूबाजी की घटना से अचानक शहर का माहौल बिगड़ गया। शहर में कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ होने लगी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया। जिला कलेक्टर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट शनिवार को उदयपुर का दौरा करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मूसलाधार बारिश के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालत बन गए हैं। बहुत लोगों का जान-माल का भी नुकसान हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसलों का भी बहुत नुकसान हुआ है। सरकार को इसका आकलन कर हर संभव मदद उपलब्ध करानी चाहिए। मैंने सरकार और प्रशासन से अनुरोध किया है कि खासकर छोटे किसानों को मदद के लिए धनराशि देनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों को उचित समय पर सहायता पहुंचाना बहुत जरूरी है। प्रदेश में भारी बारिश के चलते ऐसे हालात पहली बार नहीं बने हैं। इसके पहले भी किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं। लोगों के मकान ध्वस्त हुए हैं, उनके पशुओं की भी जाने गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आर्थिक हानि हुई है। हर क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति का जो भी नुकसान हुआ है सरकार को उसकी भरपाई करनी चाहिए।
सचिन पायलट ने आगे कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वो मुसीबत में सामने आगे आकर लोगों की मदद करे। राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी किसानों और ग्रामीणों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए मदद करनी चाहिए। विडंबना इस बात की है कि जो आपदा विभाग है वो चल रहा है या नहीं चल रहा या इसे कौन चला रहा है, यह एक बड़ा सवाल है।
उन्होंने आगे कहा कि इलाकों के सिर्फ दौरे से काम नहीं चलता। किसी भी समस्या का समाधान नीति निर्माण और धरातल पर उतरकर निकलता है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को आपदा प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों से मिलना चाहिए। उनकी समस्याओं की रिपोर्ट बनाकर इसका समाधान करना चाहिए। लालफीताशाही या अफसरशाही में मदद फंस जाएगी तो इसका कोई फायदा नहीं होगा। इसमें कोई भी लापरवाही या विलंब नहीं होना चाहिए।
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