अपराध: सबूत नष्ट करने के ईडी के दावे 'निराधार', गिरफ्तारी 'राजनीति से प्रेरित' केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलों के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में पेश अपने हलफनामा में सबूत नष्ट करने के ईडी के दावे को 'निराधार', व गिरफ्तारी 'राजनीति से प्रेरित' बताया है। ईडी ने दावा किया था कि कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले की अवधि के दौरान आरोपियों ने सबूत मिटाने के उद्देश्य से 170 से अधिक मोबाइल फोन बदले या इसे नष्ट कर दिए।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-27 14:30 GMT

नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलों के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में पेश अपने हलफनामा में सबूत नष्ट करने के ईडी के दावे को 'निराधार', व गिरफ्तारी 'राजनीति से प्रेरित' बताया है। ईडी ने दावा किया था कि कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले की अवधि के दौरान आरोपियों ने सबूत मिटाने के उद्देश्य से 170 से अधिक मोबाइल फोन बदले या इसे नष्ट कर दिए।

केजरीवाल ने अपने हलफनामे में मोबाइल फोन से संबंधित सबूत नष्ट करने या गायब करने के ईडी के दावों का खंडन करते हुए कहा है कि उनके खिलाफ ऐसे आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है। आप सुप्रीमो ने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी निंदा की और दलील दिया कि इससे लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को अनुचित रूप से फायदा पहुंच रहा है। यह 'स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव' के सिद्धांत से समझौता है।

उन्होंने "बड़े पैमाने पर सबूतों को नष्ट करने" के ईडी के दावे को निराधार करार दिया, और इसे गैरकानूनी गिरफ्तारी को तर्कसंगत बनाने का ईडी का हताश प्रयास बताया।

सीएम ने ईडी पर मनमानी और उचित प्रक्रिया का पालन न करने का भी आरोप लगाया।

आप नेता ने इस मामले को केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग का एक प्रमुख उदाहरण बताया। उन्होंने इस बात को दोहराया कि ईडी की कार्रवाई आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयास का हिस्सा है।

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की विशेष अनुमति याचिका को आगे की सुनवाई के लिए 29 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने ईडी को 24 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था और याचिकाकर्ता पक्ष को 27 अप्रैल तक इसके जवाब में हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा था।

ईडी के उप निदेशक द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके असहयोगात्मक रवैये के कारण उनकी गिरफ्तारी जरूरी हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल नौ बार तलब किए जाने के बावजूद जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुए व पूछताछ से बचते रहे।

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