राष्ट्रीय: किसानों ने 5 फसलों पर एमएसपी देने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज किया

किसान यूनियन के नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-20 08:52 GMT

चंडीगढ़, 20 फरवरी (आईएएनएस)। किसान यूनियन के नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है।

यह घोषणा किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने पंजाब के पटियाला जिले में पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हुई एक बैठक के बाद की।

तीन केंद्रीय मंत्रियों - पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों को एक प्रस्ताव दिया था।

सोमवार रात चौथे दौर की वार्ता खत्‍म होने के तुरंत बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ''हम साथी किसानों के साथ केंद्र द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे, विशेषज्ञों की राय लेंगे।''

केंद्र ने जिन फसलों को सुनिश्चित एमएसपी पर खरीदने का प्रस्ताव दिया है, उनमें कपास और मक्का के अलावा तीन दालें - अरहर, अरहर और उड़द शामिल हैं।

प्रस्तावित है कि एनसीसीएफ, एनएएफईडी और कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी केंद्रीय एजेंसियां किसानों से फसल खरीदने के लिए पांच साल के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करेंगी।

किसान नेताओं को तीन केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय ने केंद्र सरकार से अंतिम योजना पर पहुंचने से पहले उनके प्रस्ताव पर चर्चा करने और अपनी सहमति देने के लिए कहा है।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अगर इस फसल के लिए एमएसपी दिया जाए तो पंजाब दालों के उत्पादन में देश का नेतृत्व कर सकता है।

उन्होंने कहा कि यह देश में दूसरी हरित क्रांति होगी, हालांकि पंजाब को हरित क्रांति के कारण उपजाऊ मिट्टी और पानी के अत्यधिक दोहन के कारण अपने एकमात्र प्राकृतिक संसाधनों के नुकसान का सामना करना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के किसान कपास और मक्का तभी अपना सकते हैं, जब उन्हें इन फसलों का एमएसपी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इन फसलों की सुनिश्चित मार्केटिंग किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। आज देश दूसरे देशों से दालें आयात करता है, जबकि अगर किसानों को लाभकारी मूल्य मिले तो वे यहां इन दालों का उत्पादन कर सकते हैं।

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