इंडिया अब्रॉड: विदेश मंत्री जयशंकर की तीन देशों की दक्षिण पूर्व एशिया यात्रा संपन्न
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीन एशियाई देशों की यात्रा पूरी कर ली है। गत 23 मार्च को उनकी यह यात्रा शुरू हुई थी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य एशियाई देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करना और क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता की मेज तैयार करना था।
नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीन एशियाई देशों की यात्रा पूरी कर ली है। गत 23 मार्च को उनकी यह यात्रा शुरू हुई थी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य एशियाई देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करना और क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता की मेज तैयार करना था।
27-28 मार्च को अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान विदेश मंत्री ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर बिन इब्राहिम के साथ शिष्टाचार भेंट की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्हें बधाई भी दी।
उन्होंने प्रधानमंत्री इब्राहिम की भारत और मलेशिया के बीच रिश्तों को प्रगाढ़ करने और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में भूमिका की सराहना की।
अपने दौरे के दौरान जयंशकर ने विदेश मंत्री उतामा हाजी मोहम्मद बिन हाजी हसन से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय मुुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की जिसमें राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था, रक्षा, संस्कृति और शिक्षा शामिल है।
इसके साथ ही दोनों ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद कई विषयों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। इसके बाद विदेश मंत्री ने मंत्री गोबिंद सिंह देव से भी मुलाकात की।
एस जयशंकर ने कहा, "अब मेरा मलेशिया का दौरा समाप्त हो चुका है। इस दौरान मैंने डिजिटल मंत्री गोबिंद सिंह देव से मुलाकात की। इस दौरान हम दोनों के बीच व्यावसायिक अवसरों की खोज सहित डिजिटल सहयोग पर चर्चा की गई।"
यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री ने उद्योगपतियों के साथ एक गोलमेज बैठक की और देश में भारतीय प्रवासी के सदस्यों के साथ बातचीत की। उन्होंने भारत-मलेशिया संबंधों में उनके योगदान की प्रशंसा की।
वहीं, प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने भारत के साथ कई मुद्दों को दीर्घकालीक समय तक कायम रखने के लिए चीन को भी आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही उन्होंने भारत-चीन सीमा पर जवानों की तैनाती को भी सामान्य बताया।
फिलीपींस में उन्होंने विदेश मामलों के सचिव एनरिक मनालो के साथ मनीला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया, जिसमें दक्षिण चीन सागर में फिलिपिनो नौसैनिकों के खिलाफ चीन की "आक्रामक" कार्रवाई के बाद भारत का दृढ़ समर्थन जताया।
इसके साथ ही उन्होंने सभी देशों से आह्वान किया कि वह संयुक्त राष्ट्र महासभा के समुद्र का कानून (यूएनसीएलओएस) का अनुपालन करें।
विदेश मंत्री जयशंकर और मनालो ने समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में साझा हितों पर चर्चा की। यह देखते हुए कि दोनों देश वैश्विक शिपिंग उद्योग में बहुत योगदान देते हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने फिलीपींस के राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस महीने अदन की खाड़ी में हौथी विद्रोहियों द्वारा हमला किए जाने के बाद फिलिपिनो नाविकों को बचाने में भारत की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई के लिए भारतीय नौसेना और सरकार की सराहना की।
23-25 मार्च तक अपनी सिंगापुर यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री ने कैबिनेट के नेतृत्व और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं।
उन्होंने सिंगापुर के भारतीय मूल के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन से भी मुलाकात की, जिनके साथ उन्होंने "भारत-प्रशांत और पश्चिम एशिया पर विचारों का आदान-प्रदान किया"।
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