विज्ञान/प्रौद्योगिकी: साइबर एक्सपर्ट ने बताई माइक्रोसॉफ्ट के विकल्प की जरूरत, ग्लोबल स्तर पर जांच की मांग
माइक्रोसॉफ्ट की ग्लोबल क्लाउड सर्विस में आई खराबी के कारण हवाई अड्डों पर उड़ानों में देरी हो रही है। इस खराबी के कारण भारत भी प्रभावित हुआ है, जहां कई एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी। इस स्थिति से निपटने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू को यात्रियों को आश्वस्त करने के लिए बयान भी जारी करना पड़ा। साइबर एक्सपर्ट्स ने इस मामले की ग्लोबल जांच की मांग की है।
नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। माइक्रोसॉफ्ट की ग्लोबल क्लाउड सर्विस में आई खराबी के कारण हवाई अड्डों पर उड़ानों में देरी हो रही है। इस खराबी के कारण भारत भी प्रभावित हुआ है, जहां कई एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी। इस स्थिति से निपटने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू को यात्रियों को आश्वस्त करने के लिए बयान भी जारी करना पड़ा। साइबर एक्सपर्ट्स ने इस मामले की ग्लोबल जांच की मांग की है।
साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट किसी भी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का बैकबोन होता है। यह सिर्फ एक कंपनी या देश के ऊपर अटैक नहीं है, बल्कि यह कई बिजनेस को प्रभावित करेगा। इससे एयरलाइन, हेल्थकेयर, रेलवे और हो सकता है कि आपकी बिजली भी प्रभावित होना शुरू हो जाए। इसके नुकसान दुनिया में मल्टी ट्रिलियन डॉलर तक हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने इसकी जड़ में तकनीकी खामी बताई है, लेकिन क्लाउड सर्वर इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वह कभी इस तरह से टेकडाउन नहीं हो सकता। इसके पीछे कोई छोटी तकनीकी खामी नहीं बल्कि कोई स्टेट इनवेस्टेड बॉडी हो सकती है, जिसका यह काम हो सकता है। इसके लिए ग्लोबल स्तर पर जांच होनी चाहिए। यूएस और माइक्रोसॉफ्ट हमेशा इस बात का बहाना बनाएंगे कि यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और हम आपको ऐसे जांच नहीं करने दे सकते। लेकिन इस समय यह कई देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। अगर अनेक देश प्रभावित हो रहे हैं, तो ग्लोबल स्तर पर जांच होनी चाहिए।
उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के विकल्प को विकसित करने पर जोर डालते हुए कहा, अभी तक हम लोग माइक्रोसॉफ़्ट को आंख बंद कर फॉलो कर लेते थे, लेकिन अब लोग चाहेंगे कि कोई दूसरी कंपनी भी हो। सिर्फ एक ही कंपनी पर पूरी निर्भरता ना हो। इस निर्भरता से अचानक पूरी दुनिया घुटनों पर आ जाएगी। यह भी देखना होगा कि क्या माइक्रोसॉफ्ट इस मामले में पेनाल्टी देगा? यदि हां, तो क्या वह सभी देशों में पेनाल्टी देगा? फिलहाल इस पर कुछ भी साफ नहीं है, इसलिए अब प्रक्रिया और पॉलिसी दोनों बदलेंगी। सरकार के नियम इस ओर बदलेंगे कि इस तरह की घटनाओं में किसे जिम्मेदारी लेने की जरूरत है।
इस मामले पर एक और साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने कहा कि साइबर सुरक्षा में सेंध का ग्लोबल मामला सामने आया है। कहीं ना कहीं इसे साइबर आतंक के मामले से भी जोड़ा जा सकता है। पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। इसके पीछे का उद्देश्य बस यही है कि लोगों के अंदर डर और दहशत फैलाएं। कहीं ना कहीं लोग सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं। इसका कारण सरकार नहीं, बल्कि हम लोग हैं, जो साइबर सुरक्षा के महत्व को भूल गए हैं।
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