राजनीति: लोकसभा के नए सांसदों के लिए दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम, सांसदों ने बताए अपने अनुभव
संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान ( प्राइड) द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन शुक्रवार को और समापन शनिवार को हुआ। लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों ने कार्यक्रम को लेकर अपने अनुभवों को आईएएनएस के साथ साझा किया।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस) 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों को संसदीय नियमों, परंपराओं और उनके अधिकारों सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराने के लिए संसद भवन परिसर में दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान ( प्राइड) द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन शुक्रवार को और समापन शनिवार को हुआ। लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों ने कार्यक्रम को लेकर अपने अनुभवों को आईएएनएस के साथ साझा किया।
पश्चिम दिल्ली लोकसभा से चुनाव जीतकर पहली बार संसद में पहुंचीं भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने प्रबोधन कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम काफी ज्ञानवर्धक रहा, संसद के नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी मिली। विधेयक से जुड़ी संसदीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी मिली, संसद की विभिन्न कमेटियों के गठन, कामकाज और नियमों की जानकारी मिली। सरकार से सवाल पूछने के लिए जीरो ऑवर और प्रश्नकाल के अलावा भी कई अन्य प्रावधानों की जानकारी हुई और नियम 377 सहित कई अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों की भी जानकारी मिली, इससे हमें अगले पांच वर्षों तक अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में सांसदों को उनके विशेषाधिकारों की भी जानकारी दी गई।
वहीं भाजपा की दिग्गज नेता स्मृति ईरानी को उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव हराकर पहली बार लोकसभा में पहुंचे कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा ने भी प्रबोधन कार्यक्रम को लेकर आईएएनएस के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। अमेठी सांसद ने प्रबोधन कार्यक्रम से बहुत ज्यादा फायदा मिलने की बात कहते हुए कहा कि उन्हें इसमें बहुत सारी जानकारी मिली कि प्रश्नकाल में किस तरह से अपने सवाल पूछने हैं। जीरो ऑवर, 377 और तारांकित प्रश्नों के जरिए किस तरह से सरकार से सवाल पूछा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि वे पहली बार सांसद चुन कर आए हैं और उन्हें बहुत सारी प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं थी। इस कार्यक्रम के जरिए उन्हें संसद की कार्यवाही के नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी मिली। हमें सांसदों के कर्तव्य, अधिकार और विशेषाधिकार की भी जानकारी मिली। दोनों सांसदों ने यह भी कहा कि इससे सदन के अंदर निश्चित तौर पर उनका प्रदर्शन बेहतर होगा और वे अपने क्षेत्र की जनता के लिए ज्यादा से ज्यादा काम कर पाएंगे।
आपको बता दें कि, दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के पहले दिन शुक्रवार को उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नवनिर्वाचित सांसदों को सदन के अंदर नियमों और प्रक्रियाओं के तहत शालीनता से ही अपनी बात रखने की नसीहत देते हुए कहा था कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि इस 18 वीं लोकसभा में 280 सांसद पहली बार चुन कर आए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नए सांसदों के नए विचार पुन: निर्वाचित सदस्यों के बृहद अनुभवों के साथ लोकसभा के कार्य में अधिक गुणवत्ता लाएंगे।
उन्होंने सांसदों को प्रोसीज़रल डिवाइस - प्रश्न काल, शून्य काल, कॉलिंग अटेंशन - जैसे संसदीय प्रक्रियाओं का कुशलतापूर्ण उपयोग करने का भी सुझाव दिया था। कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम दिन, शनिवार को समापन समारोह में ओम बिरला ने नवनिर्वाचित सांसदों को प्रभावी सांसद बनने के लिए अध्ययन के महत्व के बारे में बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि सांसद सदन के नियमों और प्रक्रियाओं का जितना अधिक अध्ययन करेंगे, वे सदन का उतना ही अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर पाएंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के अलावा वरिष्ठ सांसदों निशिकांत दुबे, जगदंबिका पाल और एनके प्रेमचंद्रन सहित कई अन्य सांसदों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। संसदीय नियमों और कामकाज से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी नवनिर्वाचित सांसदों को बहुमूल्य जानकारी दी।
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