बॉलीवुड: 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' की तैयारी के लिए अर्शिन मेहता ने की कड़ी मेहनत
फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' में मुख्य भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री अर्शिन मेहता ने सुहासिनी भट्टाचार्य की भूमिका के लिए की गई तैयारी के बारे में खुलकर बात की।
मुंबई, 28 अगस्त (आईएएनएस)। फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' में मुख्य भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री अर्शिन मेहता ने सुहासिनी भट्टाचार्य की भूमिका के लिए की गई तैयारी के बारे में खुलकर बात की।
अर्शिन इसमें बांग्लादेश की एक हिंदू ब्राह्मण लड़की का किरदार निभा रही हैं, जो अपने देश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को देखने के बाद भारत के पश्चिम बंगाल में शरण लेती है।
अपने किरदार को लेकर अभिनेत्री ने कई व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना किया।
'बजरंगी भाईजान' से अपने करियर की शुरुआत करने वाली अर्शिन ने इस बारे में बताया, ''मैं किरदार में रहना चाहती थी, इसलिए मैंने सुहासिनी की भूमिका को अपनाया, जो एक शरणार्थी है, जिसके पास विलासिता की चीजों की पहुंच नहीं है। मैंने कुर्सियों पर बैठने से परहेज किया और जमीन पर बैठना पसंद किया, किसी से ज्यादा बात न करके अपने किरदार की मानसिकता में रहना पसंद किया। सुहासिनी ने इतने सारे अनुभव किए थे कि वह हमेशा अपने दायरे में रहती थी, और मैंने भी उसी दायरे में रहने की कोशिश की।"
उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा अपने दायरे में रहना सुनिश्चित किया। मैं लगातार संगीत सुनती, किसी से बात करने से बचती और शूटिंग खत्म होने के बाद भी चुपचाप घर चली जाती और किरदार की मानसिकता में रहती। सुहासिनी के किरदार को ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ निभाने के लिए मेरे लिए उस दायरे में रहना महत्वपूर्ण था, ताकि लोग उससे सही मायने में जुड़ सकें।"
अर्शिन की भूमिका उनकी आवाज को बुलंद करती है क्योंकि वह मानवाधिकार परिषद, भारत सरकार और विभिन्न मंत्रालयों को इस तथ्य के प्रति सचेत करने का प्रयास करती है कि भारत में हिंदू भी सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने कहा, "वहां पहुंचने पर उन्हें यह जानकर झटका लगा कि बंगाल में हिंदुओं की स्थिति बांग्लादेश जितनी ही खराब है। यह अहसास उनके लिए बहुत बड़ा है, खासकर तब जब उन्हें हिंदू बहुल देश में सुरक्षित रहने की उम्मीद थी।"
'मैं राजकपूर हो गया' फेम अभिनेत्री ने आगे कहा, "यह फिल्म सुहासिनी की यात्रा को दर्शाती है, जिसमें वह लव जिहाद का शिकार बनने के साथ कई बाधाओं से जूझती है। एक मुस्लिम व्यक्ति उसे शरण देता है, लेकिन यह नहीं बताता कि उसने उसकी जान बख्श दी है, जबकि उसके दोस्तों ने अन्य शरणार्थियों को मार डाला है। सुहासिनी की जीवन यात्रा और न्याय के लिए उसकी लड़ाई फिल्म के केंद्र में है।''
अर्शिन ने खुलासा किया कि सुहासिनी ने जिस तरह का गहरा आघात सहा, उसके कारण उसका किरदार बेहद गंभीर था।
अभिनेत्री ने आगे कहा, ''उसने अपने परिवार को मरते हुए देखा, जिससे वह गहरे सदमे में चली गई और सामान्य जीवन जीने में असमर्थ हो गई। पूरी फिल्म में कई गंभीर दृश्य थे और भूमिका के साथ न्याय करने के लिए मैं संगीत सुनती रही, जिससे मुझे किरदार में बने रहने और दृश्यों के लिए आवश्यक भावनाओं को बढ़ाने में मदद मिली।"
यह फिल्म 30 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।
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