खेल: अमन सहरावत अनुशासित रेसलर, जूनियर पहलवानों के लिए बन गए हैं प्रेरणा कोच जयवीर दहिया

भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने 2024 पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उनके कोच और छत्रसाल स्टेडियम के ट्रेनर जयवीर दहिया ने बताया कि अमन बहुत अनुशासित रेसलर हैं, उन्होंने कभी भी कोई क्लास मिस नहीं की है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-23 09:27 GMT

नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने 2024 पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उनके कोच और छत्रसाल स्टेडियम के ट्रेनर जयवीर दहिया ने बताया कि अमन बहुत अनुशासित रेसलर हैं, उन्होंने कभी भी कोई क्लास मिस नहीं की है।

जयवीर दहिया ने शुक्रवार को आईएएनएस से बताया कि छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान अपने सीनियर खिलाड़ियों की उपलब्धियों को देखकर सीखते हैं। सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, बजरंग पूनिया, अमित कुमार दहिया जैसे रेसलर्स से जूनियर पहलवानों को प्रेरणा मिलती है। अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया है। वह एक अनुशासित पहलवान हैं। उन्होंने कभी कोई क्लास मिस नहीं की है और दोनों समय प्रैक्टिस करते हैं।

जयवीर दहिया ने आगे कहा, "हमारे गुरू और छत्रसाल स्टेडियम के पहलवान सतपाल सिंह भी अमन सहरावत को ट्रेनिंग देते हैं। अमन ट्रेनिंग को गंभीरता से लेते हैं और 5-5 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। जूनियर खिलाड़ी अब उनसे भी प्रेरणा ले रहे हैं। पहले ओलंपिक में मेडल जीतना बहुत कठिन समझा जाता था। लेकिन अब हमारे खिलाड़ियों की मेहनत के चलते ओलंपिक में मेडल जीतना संभव हुआ है।"

कोच ने कहा कि हम खिलाड़ियों को अच्छी प्रैक्टिस कराते हैं और उनका चयन करते हैं। सतपाल सिंह ने एक खास टीम बनाई है, वह जो वर्कआउट देते हैं हम उसी पर काम करते हैं। सतपाल सिंह ने देश को अच्छे मेडलिस्ट दिए हैं। इससे बड़ी खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती है। हम उनका आभार व्यक्त करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में देश में और मेडल आएंगे।

कांस्य पदक विजेता अमन सहरावत 11 साल की उम्र से छत्रसाल अखाड़े में हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "मैंने प्रशिक्षण शुरू कर दिया है और उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करूंगा जिनमें मुझे सुधार की जरूरत है और अब मेरा ध्यान ओलंपिक स्वर्ण पदक पर है।''

उन्होंने बताया कि ''कोच ने ओलंपिक से पहले मुझसे बात की थी और कहा था कि, 'तुम्हें अपने मुकाबलों पर ध्यान देना चाहिए और अपने प्रतिद्वंद्वी के अनुसार अपनी शैली नहीं बदलनी चाहिए। जब मैं लौटा तो उन्होंने मुझसे कहा कि सफलता को अपने दिमाग पर हावी न होने दें। मुझे बिल्कुल वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा मैं पदक जीतने से पहले करता था, क्योंकि मुझे और भी आगे जाना है।”

मालूम हो कि, पेरिस ओलंपिक में अमन ने पुरुषों के 57 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक मैच में प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को 13-5 से हराया था। इस जीत ने उन्हें यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग श्रेणी में रैंकिंग में वर्ल्ड नंबर 2 पर पहुंचा दिया है।

कुश्ती कोच सतपाल सिंह के संरक्षण में 'छत्रसाल अखाड़े' से आने वाला यह छठा ओलंपिक पदक था, जिसमें सुशील कुमार ने दो बार मेडल जीता था और अमन, रवि दहिया, बजरंग पुनिया और योगेश्वर दत्त सभी ने एक-एक पदक जीता था।

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