Sharda Sinha Death: छठ पुजा के पहले दिन लोकगायिका शारदा सिन्हा का हुआ निधन, 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

लोकगायिका शारदा सिन्हा का हुआ 72 साल की उम्र में हुआ निधन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-05 16:39 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कई दिनों से कैंसर से जूझ रही बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का मंगलवार देर रात अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। बता दें, लोकगायिका काफी दिनों से बीमार थी जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्हें वहां वेंटिलेटर पर रखा गया था। लेकिन मंगलवार रात 9 बजकर 20 मिनट पर सेप्टीसीमिया की वजह से रिफ्रैक्टरी शॉकी होने से उन्होंने दम तोड़ दिया। बता दें, कल यानी बुधवार 6 अक्टूबर को उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए पटना लाया जाएगा।

दिग्गज गायिका के बेटे अंशुमन सिन्हा ने उनकी मौत की जानकारी दी। अंशुमन ने शारदा सिन्हा के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।"

आपको बता दें, इससे पहले भी बेटे अंशुमन ने अपने यूट्यूब चैनल पर गायिका के तबियत की जानकारी दी थी। उन्होंने इस दौरान कहा था कि मां वेंटिलेटर सपोर्ट पर है। इसके अलावा उन्होंने फैंस से शारदा सिन्हा के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की थी।

सीएम से लेकर पीएम तक कई लोगों ने दी श्रद्धांजली 

शारदा सिन्हा की मौत ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है। उनके देहांत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजली दी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।"

इनके अलावा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए श्रद्धांजली अर्पित की। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन से मुझे अत्यंत दुख हुआ है। वे एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी लोक गायिका थीं जिन्होंने भोजपुरी भाषा को जन-जन के बीच लोकप्रिय बनाया। उनके गीतों को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे। उनके निधन से लोक संगीत की दुनिया ने एक प्रभावी स्वर खो दिया है। दुःख की इस घड़ी में मैं उनके शोकाकुल परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। ॐ शान्ति।"

साथ ही इस दुखद घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पोस्ट किया। उन्होंने इसमें लिखा, "अपनी मधुर आवाज से पाँच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊँचाई देने वाली शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध शारदा सिन्हा जी ने मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाया और पार्श्व गायिका के रूप में फिल्म जगत को मंत्रमुग्ध करतीं रहीं। पूर्वांचल के लोक संस्कार उनकी आवाज़ के बिना अधूरे लगते हैं। इस छठ महापर्व पर उनका स्वर भक्तों को निश्चय ही और भी भावुक करेगा। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिजनों के साथ हैं। छठी मैया दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति शांति शांति।"

वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गायिका की मौत पर दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, "बिहार कोकिला, पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा जी का निधन दुःखद। वे मशहूर लोक गायिका थीं। उन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावा हिन्दी गीत भी गाये थे। उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज दी थी। स्व० शारदा सिन्हा जी के छठ महापर्व पर सुरीली आवाज में गाए मधुर गाने बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी भागों में गूंजा करते हैं। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।"

पद्म भूषण और पद्मश्री जैसे अवॉर्ड्स जीत चुकी हैं शारदा

साल 1952 में बिहार के सुपौल जिले में जन्मी बिहार कोकिला शारदा सिन्हा अपने छठ गीतों के लिए जानी जाती थी। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड के कई मशहूर गानों को भी अपनी आवाज दी है। इनमें, मैने प्यार किया मूवी की "कहे तोसे सजना", गैंग्स ऑफ वासेपुर के 'तार बिजली' और ब्लॉकबस्टर मूवी हम आपके हैं कौन के 'बाबुल' जैसेे कई मशहूर गाने शामिल हैं। शारदा ने अपने मीठी आवाज के बदौलत कई बड़े अवॉर्ड जीते हैं। साल 1991 में उन्हें पद्मश्री और 2018 में पद्म भूषण जैसे राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया था। इसके अलावा उन्हें ‘भिखारी ठाकुर सम्मान’, ‘बिहार गौरव’, ‘बिहार रत्न’ और ‘मिथिला विभूति’ जैसे कई अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं। स्वर कोकिला शारदा सिन्हा जी को ‘बिहार कोकिला’ और ‘भोजपुरी कोकिला’ जैसे खिताबों से भी नवाजा जा चुका है।

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