बलात्कार का बदला: कानपुर के बेहमई कांड में 43 साल बाद आया फैसला, एक दोषी को उम्रकैद, एक बरी
- फूलन देवी समेत 36 लोग थे आरोपी
- वादी समेत कई आरोपियों की हो चुकी मौत
- डकैत फूलन देवी ने 20 ठाकुरों को मारी थी गोली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के चर्चित बेहमई हत्याकांड मामले में कोर्ट ने एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है,वहीं एक आरोपी को सूबतों के अभाव ने कोर्ट ने बरी कर दिया है। अदालत का फैसला 43 साल बाद आया है। कानपुर देहात की एंटी डकैती कोर्ट ने बुधवार को ये फैसला सुनाया है। इस पूरे मामले में वादी के साथ मुख्य आरोपी फूलन देवी समेत कई आरोपियों की मौत हो चुकी है। इस हत्याकांड में कुल 36 लोगो को आरोपी बनाया था।
आपको बता दें 14 फरवरी 1981 को कानपुर देहात के राजपुर थाना थाना क्षेत्र के यमुना किनारे बसे बेहमई गांव में दबंगों के अत्याचार से परेशान होकर डकैत बनी फूलन देवी ने लाइन से खड़ा करके एक-एक करके 20 लोगो की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मरने वाले सभी लोग ठाकुर बिरादरी के थे। फूलन देवी ने बलात्कार का बदला लेने के लिए 20 ठाकुरों को मौत के घाट उतारा था।
हत्याकांड के बाद बेहमई गांव की चर्चा देश व विदेश में होने लगी थी। हत्याकांड के बाद गांव में सन्नाटा पसरा रहा। घटना से पूरा गांव कांप रहा था, किसी भी व्यक्ति की पुलिस में मामला दर्ज करने की हिम्मत नहीं हो रही था। अंत में गांव के ही रहने वाले राजाराम ने मुकदमा लिखवाया। राजाराम ने फूलन देवी समेत 14 को नामजद कराते हुए 36 डकैतों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। चार दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद फैसला आया है। नामजद अधिकांश डकैतों के साथ ही 28 गवाहों की मौत हो चुकी थी। वादी राजाराम की भी मौत हो चुकी है।
अदालत ने जेल में बंद दो आरोपियों में से एक आरोपी श्याम बाबू को बेहमई कांड में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई जबकि एक आरोपी विश्वनाथ को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।