बुजुर्ग का करानामा: कोरोना से बचने के लिए बुजुर्ग ने अपनाया अजीबोगरीब रास्ता, एक के बाद एक लगवाए वैक्सीन के 217 डोज
- कोविड से बचाव को लेकर बुजुर्ग व्यक्ति ने किया खुलासा
- शरीर में वैक्सीन के लगवाएं 217 डोज
- वैज्ञानिक हुए हैरान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना की वैकसीन को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जर्मनी स्थित मैगडेबर्ग शहर के एक 62 साल के बुजुर्ग ने वैकसीन की डोसेज को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। दरअसल, इस बुजुर्ग का कहना है कि उसने कोरोना वायरस महामारी में इस्तेमाल होने वाले 200 से ज्यादा वैकसीन की डोस ली हैं। इस बारे में जब वैज्ञानिकों को पता चला तो वह भी दंग रह गए है। इसे लेकर फ्रेडरिक-अलेक्जेंडर-यूनिवर्सिटीएट एर्लांगेन-नूर्नबर्ग (एफएयू) और यूनिवर्सिटाट्सक्लिनिकम एर्लांगेन के रिसर्चर्स ने अखबार में प्रकाशित न्यूज रिपोर्ट से उस बुजुर्ग व्यक्ति को खोजा। इसके बाद उसके शरीर में कोविड-19 वैकसीन की अत्यधिक मात्रा को देखते हुए इम्यून रिस्पॉन्स के बारे में स्टडी की गई।
टेस्टिंग के लिए बुजुर्ग ने दी अनुमति
इस बारे में इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी-क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी, इम्यूनोलॉजी एंड हाइजीन के डॉ. किलियन शॉबर ने बताया " हमें अखबार के लेखों के माध्यम से उनके मामले के बारे में पता चला। हमने फिर उनसे संपर्क किया और उन्हें एर्लांगेन में विभिन्न परीक्षणों से गुजरने के लिए कहा। वह ऐसा करने में बहुत रुचि रखते थे।" मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान शॉबर ने यह भी बताया कि 29 महीनों तक निजी कारणों के चलते बुजुर्ग व्यक्ति को कोविड-19 की 217 वैकसीन के डोस दिए गए हैं।
उन्होंने आगे बताया, " बीते कई सालों में इस व्यक्ति के कई बल्ड टेस्ट हुए हैं। उनके शरीर में इन विश्लेषणों के परिणामों की जांच करने के लिए उन्होंने हमें इजाजत दी थी। टेस्टिंग के दौरान, कुछ सैंपल को फ्रीज करके रख दिया गया था। हमारी टीम इनकी जांच करने के लिए सक्षम थी। इसके बाद बुजुर्ग व्यक्ति का फिर से वैक्सीनेशन करवाया गया, जिसके लिए हमने खुद उनका ब्लड सैंपल लिया था। इन सैंपल्स को इकट्ठा करने के जरिए हम इस बारे में जानना चाहते थे कि शरीर में मल्टीपल वैक्सीनेशन के बाद कैसे इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है।"
तीन अन्य लोगों के परिणामों से की गई तुलना
बुजुर्ग के शरीर में हुई टेस्टिंग के बाद के परिणामों में सामने आया कि उनके शरीर में टी-इफेक्टर कोशिकाएं की मात्रा ज्यादा थी। ये शरीर में कोविड-19 संक्रमण से बचाने का काम करती हैं। इस दौरान तीन अलग-अलग लोगों के टीकाकरण के बाद के इम्यून सिस्टम की तुलना की गई। जिसमें सामने आया कि 62 वर्षीय बुजुर्ग में टी-प्रभावक कोशिकाएं की संख्या अधिक हैं। इतना ही नहीं, बल्कि रिसर्चर्स ने टेस्टिंग के दौरान इन प्रभावकारी कोशिकाओं को शरीर में सक्रिय पाया था। ये कोशिकाएं उतनी ही प्रभावी थी जितना सामान्य मात्रा में टीकाकरण हासिल हुआ था। इसे लेकर लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में पब्लिश एक स्टडी की लेखिका कैटरीना कोचर ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हमारे परिक्षण मामले में शरीर में मेमोरी कोशिकाओं की मात्रा नियंत्रण समूह की मात्रा जितनी ही पाई जाती हैं। इस तरह हमे शरीर में कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से जुड़े कोई संकेत नहीं प्राप्त हुए। हालांकि, जो परिणाम सामने आए वह इसके बिल्कुल विपरीत थे।