बुलडोजर एक्शन पर SC: अवैध धार्मिक ढांचों को सड़क से हटाया जाएगा, लोगों की सुरक्षा है सबसे ऊपर, बुल्डोजर एक्शन पर SC का सख्त रुख

  • अवैध धार्मिक ढांचों को हटाना जरूरी
  • लोगों की सुरक्षा सबसे ऊपर
  • "हम सेक्युलर देश हैं"- बेंच

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-01 09:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुल्डोजर एक्शन की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जनता की सुरक्षा सबसे पहले है साथ ही सड़कों पर हर तरह के धार्मिक ढांचे हटाए जाने जरूरी हैं। कोर्ट में मंगलवार को अपराध के आरोपियों के खिलाफ और बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी। जिस पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ ने सुनवाई की थी।

अदालत ने क्या कहा?

अदालत का कहना है कि लोगों की सुरक्षा सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि चाहे मंदिर हो या दरगाह अगर सड़क, जलमार्ग या रेल ट्रेक को रोकती है तो किसी भी धार्मिक ढांचे को हटाया जाएगा। साथ ही अदालत ने ये भी कहा है कि, भारत एक सेक्युलर देश है और बुलडोजर एक्शन को लेकर उसका आदेश सभी लोगों के लिए होगा। चाहें वो किसी भी धर्म का हो।

"हम सेक्युलर देश हैं"- बेंच

बेंच ने कहा है कि, "हम सेक्युलर देश हैं। हमारे निर्देश सभी लोगों के लिए लागू होते हैं। चाहें वो किसी भी धर्म के क्यों ना हो। मंदिर हो या दरगाह या गुरुद्वारा, अगर सड़क के बीच कोई धार्मिक ढांचा है तो ये जनता के लिए बाधा नहीं बन सकती।" इसके अलावा जस्टिस गवई ने कहा कि, "अनधिकृत निर्माणों के लिए अलग कानून होना चाहिए। ये धर्म पर निर्भर नहीं होना चाहिए।"

पीठ की अनुमति के बिना नहीं गिराई जाएगी संपत्ति

पीठ ने 17 सितंबर को कहा था कि उसकी अनुमति के बिना 1 अक्टूबर तक आरोपियों के साथ और लोगों की संपत्तियों को हाथ नहीं लगाया जाएगा। पीठ ने आगे कहा था कि अगर अवैध रूप से गिराने का कोई भी मामला है तो ये हमारे संविधान के मूल्यों के खिलाफ है।

न्यायालय ने किया था स्पष्ट

न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि उसका आदेश सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन या जलमार्ग जैसी पब्लिक प्लेसेज पर बने अनधिकृत ढांचों पर लागू नहीं होगा। साथ ही उन मामलों पर भी नहीं लागू होगा जिनमें अदालत ने ध्वस्तिकरण का आदेश दिया है। 

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