पहला दलित सीईओ: रेलवे बोर्ड के नए सीईओ बने सतीश कुमार, पहली बार दलित वर्ग के अधिकारी को मिली कमान

  • रेलवे बोर्ड के नए सीईओ
  • कौन हैं सतीश कुमार?
  • कितना है इनका अनुभव?

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-28 07:13 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी सतीश कुमार रेलवे बोर्ड के नए अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। साथ ही वह रेलवे के बड़े पद पर पहुंचने वाले पहले दलित अधिकारी हैं। रेलवे में उनका अनुभव करीब 30 साल से ज्यादा का है। इसके अलावा वह महाप्रबंधक के साथ-साथ कई अहम पद पर रह चुके हैं।

पहली महिला सीईओ

मौजूदा अधिकारी जया वर्मा सिन्हा 31 अगस्त को रिटायर होंगी। जिसके बाद सतीश कुमार उस पद का कार्यभार संभालेगे। वह 1 सितंबर से कार्यभार संभाल सकते हैं। आपको बता दें कि जब जया वर्मा सिन्हा ने इस कार्यभार को संभाला था तब वह इस पद पर आने वाली पहली महिला थीं। सतीश कुमार ने 5 जनवरी, 2024 को रेल मंत्रालय में रेलवे बोर्ड में ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक के सदस्य का भी कार्यभार संभाला था।

सतीश कुमार कौन हैं?

भारतीय रेलवे के मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा के साल 1986 बैच के अधिकारी रह चुके हैं। 1988 में भारतीय रेलवे की सेवा में ऑफिशियली रूप से शामिल हुए साथ ही उनके पास 34 सालों का पूरा अनुभव है। इसके अलावा वह उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज में महाप्रबंधक के रूप में भी काम कर चुके हैं। पहले सतीश कुमार ने अलग-अलग पदों पर झांसी मंडल और बीएलडब्ल्यू यानी बनारस रेलइंजन कारखाना पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर, पटियाला रेल इंजन कारखाने में भी काम किया है।

साल 1996 में यूएनडीपी कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने कुल गुणवत्ता प्रबंधन में ट्रेनिंग ली थी। साथ ही वे अपने करियर में कई प्रोजेक्ट्स की देख-रेख कर चुके हैं। उन्होंने 2017 से लेकर 2019 तक उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में भी काम कर चुके हैं। लखनऊ के डीआरएम के रूप में उनके कार्यकाल के समय बड़ी संख्या में बुनियादी ढांचों के कार्य पूरे हुए हैं।

रेलवे नेटवर्क के भविष्य को देंगे आकार

न्यूज एजेंसी से बातचीत के समय रेलवे अधिकारी ने बताया, "भारतीय रेलवे में उनका व्यापक अनुभव और योगदानों को देखते हुए कुमार को हाल ही में एमटीआरएस नियुक्त किया गया था। यह एक अहम पद है, जो पूरे रेलवे स्टेशन में ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक के अहम पहलुओं पर नजर रखता है।" साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अब वह चेयरमैन ऑफ रेलवे बोर्ड के शीर्ष पद पर पहुंच चुके हैं। जहां वह भारत में रेल नेटवर्क के भविष्य को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। 

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