बड़ी तैयारी पर काम जारी: पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल करने की तैयारी, राज्य सरकार को लेना होगा अंतिम फैसला

  • पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों सरकारों पर छोड़ा फैसला
  • जल्द राज्य सरकार को लेना होगा बड़ा फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-23 02:58 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक की। जिसमें राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान कई सेवाओं के साथ-साथ उत्पादों पर भी जीएसटी हटाने को लेकर भी चर्चा हुई। इसके अलावा इनपुट टैक्स का गलत लाभ ले रहे लोगों पर भी शिकंजा कसने पर चर्चा हुई। हालांकि, इस डिमांड पर अभी काउंसिल कोई स्पष्ट नतीजे पर नहीं पहुंची है। दरअसल, जीएसटी लागू होने के साथ ही पेट्रोल डीजल को इसके दायरे में लाने की मांग हुई थी। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए तैयार है। अब देश के राज्य सरकारों को इस मसले पर फैसला लेना होगा।

राज्य सरकार को लेना होगा फैसला

निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल करने का प्रावधान किया था। उस वक्त भी वित्त मंत्री की सोच यही थी कि राज्यों को ही आकर इस मामले पर फैसला लेना है। सीतारमण ने कहा कि हम जीएसटी के दायरे में पेट्रोल और डीजल को लाना चाहते हैं। अब राज्य पर निर्भर है कि वह कितना जीएसटी पेट्रोल और डीजल पर लगाते हैं। 1 जुलाई 2017 को देश में जीएसटी को लागू किया गया था। उस दौरान एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्य शुक्लों को शामिल किया गया था। लेकिन कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन को जीएसटी कानून में लाने का फैसला नहीं लिया गया था। 

जल्दबाजी नहीं पर फैसला हो- सीतारमण 

निर्मला सीतारमण ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी लगाने को लेकर किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी लगाने का प्रावधान पहले भी किया जा चुका है। अब राज्यों पर फैसला छोड़ दिया गया है। उन्हें काउंसिल में सहमत होना होगा। तभी जाकर पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी लगाई जाएगी। साथ ही, राज्य को ही तय करना होगा कि वे कितनी फीसदी जीएसटी लगाना चाहते हैं। सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्यों के फैसला के बाद ही पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। ऐसे में अब फैसला राज्य सरकार के हाथों में हैं। 

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