उपराष्ट्रपति ने स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने के लिए 3 एफ- फंड, फंक्शन्स और फंगक्शनेरीज हस्तांतरित करने पर जोर दिया

नई दिल्ली उपराष्ट्रपति ने स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने के लिए 3 एफ- फंड, फंक्शन्स और फंगक्शनेरीज हस्तांतरित करने पर जोर दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-11 16:30 GMT
उपराष्ट्रपति ने स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने के लिए 3 एफ- फंड, फंक्शन्स और फंगक्शनेरीज हस्तांतरित करने पर जोर दिया
हाईलाइट
  • पंचायत स्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने सोमवार को ग्रामीण स्थानीय निकायों को उनके समग्र विकास और राष्ट्रीय विकास तथा सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए सशक्त बनाने हेतु 3 एफ- फंड (निधि), फंक्शन्स (कार्य) और फंगक्शनेरीज (पदाधिकारी) हस्तांतरित करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ग्रामीण स्थानीय निकायों को मजबूत और सशक्त बनाकर उन्हें पुनर्जीवित और संरक्षित करना होगा। उपराष्ट्रपति ने ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए निधि आवंटन जो 10वें वित्त आयोग में 100 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष था, उसे बढ़ाकर 15वें वित्त आयोग में 674 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष करने का उल्लेख करते हुए कहा कि धनराशि सीधे उनके खातों में जानी चाहिए और उनमें कोई परिवर्तन, कमी और विचलन नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार जनता के लिए दिया जाने वाला हर अनुदान सीधे लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए। नायडु ने कहा, यह देखते हुए कि भारत का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण भारत है (2011 की जनगणना के अनुसार 68.84 प्रतिशत), राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए गांवों में जमीनी स्तर पर यानी पंचायत स्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी।

यह देखते हुए कि देश को गरीबी से मुक्त बनाना हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है, नायडु ने कहा कि अन्य समान रूप से महत्वपूर्ण लक्ष्यों में सभी लड़कों और लड़कियों को शिक्षा प्रदान करना, महत्वपूर्ण सेवा जैसे सुरक्षित पेयजल जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और पर्याप्त रोजगार के अवसर जुटाना शामिल है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि देश में ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित 31.65 लाख प्रतिनिधियों में से 46 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को विधानसभाओं और अन्य कानून बनाने वाले निकायों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, महिलाओं को सशक्त बनाना समाज को सशक्त बनाना है।

नायडु ने कहा कि पंचायतों को 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर ध्यान केंद्रित करके एकीकृत ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, इन लक्ष्यों को गरीबी मुक्त, स्वच्छ, स्वस्थ, बच्चों के अनुकूल और सामाजिक रूप से सुरक्षित, सुशासित गांव सुनिश्चित करने के लिए नौ विषयों के तहत शामिल किया गया है। सभी स्तरों पर पारदर्शी, जवाबदेह और कुशल शासन की आवश्यकता पर बल देते हुए, नायडू ने पंचायती राज संस्थानों में स्मार्ट और सुशासन के लिए ई-ग्राम स्वराज जैसे डिजिटल समाधान प्रस्तुत करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय की सराहना की। यह देखते हुए कि पंचायतें जमीनी स्तर पर नेताओं, योजनाकारों और नीति निमार्ताओं के रूप में उभरी हैं, नायडु ने यह विश्वास व्यक्त किया कि इनकी उपलब्धियों की एकीकरण से भारत लोकल से ग्लोबल की सच्ची भावना में राष्ट्रीय के साथ-साथ वैश्विक लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम होगा।

 

(आईएएनएस)

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