सोनभद्र: पीड़ित परिवार से मिलकर भावुक हुईं प्रियंका, मुआवजे का ऐलान
सोनभद्र: पीड़ित परिवार से मिलकर भावुक हुईं प्रियंका, मुआवजे का ऐलान
- उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जमीन के विवाद पर 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी
- प्रियंका के काफिले को रास्ते में ही रोक दिया गया और हिरासत में रखा गया
- शुक्रवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पीड़ितों से मिलने पहुंचीं
डिजिटल डेस्क, सोनभद्र। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आखिरकार शनिवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए जनसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान पीड़ित परिवार प्रियंका से मिलकर रोने लगा। प्रियंका गांधी पिछले करीब 26 घंटे से पीड़ित परिवारों से मिलने की जिद पर अड़ी हुई थी। शुक्रवार को हिरासत में लिए जाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। शनिवार को भी वह मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में धरने पर बैठी हुई थीं। सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिजन प्रियंका गांधी से मिलने सोनभद्र से मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस पहुंचे तो प्रियंका गांधी भावुक हो गईं। पीड़ित परिवार की महिलाएं अपना दर्द बयां करते हुए रोने लगीं तो भावुक प्रियंका ने पीड़ितों के आंसू पोंछते हुए गले लगा लिया। प्रियंका ने उनकी हिम्मत बढ़ाई और इंसाफ दिलाने का वादा किया।
यूपी में संवेदनाओं की मौत का खौफ पसरा हुआ है। अजय सिंह बिष्ट सरकार इस क्रंदन को नजरंदाज कर संवेदनहीनता की नई मिसाल पैदा कर रही है। इस विलाप से निकले हर एक आंसू का हिसाब लिए बिना हम पीछे नहीं हटेंगे।#PriyankaFightsForPeople pic.twitter.com/04AwqQbKKK
— Congress (@INCIndia) 20 जुलाई 2019
पीड़ितों से मिलने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपना धरना खत्म कर दिया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को कांग्रेस पार्टी की तरफ से 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से भी पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की है। महिलाओं का प्रियंका से लिपटकर रोने वाला मार्मिक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यूपी कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से भी इस वीडियो को शेयर करते हुए एक शेर लिखा- एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना।
"एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है,
— UP Congress (@INCUttarPradesh) 20 जुलाई 2019
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना.."
सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों का दर्द बांटते हुए श्रीमती @priyankagandhi जी।#PriyankaFightsForPeople pic.twitter.com/LznSrmkBKw
प्रियंका गांधी ने प्रशासन के रवैये के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए चुनार गेस्ट हाउस में दोबारा धरने पर बैठ गई थीं। दरअसल, सोनभद्र से पीड़ित परिवार के 15 सदस्य प्रिंयका गांधी से मिलने मिर्जापुर पहुंचे थे, जिनमें से सिर्फ दो को ही मिलने दिया गया और बाकी लोगों को गेस्ट हाउस के बाहर ही रोक दिया गया था। प्रियंका सभी पीड़ितों से मिलना चाहती थीं। जिसके बाद प्रियंका फिर से धरने पर बैठ गई थीं। हालांकि बाद में उन्होंने पी़ड़ित परिवार के सभी सदस्यों से मुलाकात की।
Finally met the families of the Ubbha massacre. What they have been through is unimaginably brutal and unjust. Every single Indian should stand with them in the name of humanity. pic.twitter.com/232oJITUjj
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) 20 जुलाई 2019
प्रियंका गांधी ने कहा, जिनसे मिलने के लिए मैं आई थी, अब उन्हें मुझसे मिलने आना पड़ा फिर भी प्रशासन ने मुझसे मिलने नहीं दिया। प्रियंका ने सवाल उठाते हुए कहा, आखिर महिला पीड़ित परिजनों से मिलने पर प्रशासन को क्या आपत्ति है।
Priyanka Gandhi Vadra,Congress:My objective has been served as I have met them (victim of Sonbhadra firing).I am still under detention, let"s see what the administration says. Congress party will give a compensation of Rs 10 lakh to the kin of the person who died in the incident. pic.twitter.com/4SUaPEVmsz
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ित परिवार के लोगों ने घटना के बारे में बताया। उन्होंने कहा, 17 तारीख को 11 बजे लोग बंदूक-डंडों के साथ पहुंचे और विवादित जमीन जोतने लगे। हम लोगों ने विरोध किया तो मारना शुरू कर दिया। हम चाहते हैं ट्रस्ट की जमीन आदिवासियों के बीच बांट दी जाए। पीड़ितों ने कहा, हमें पता चला कि प्रियंका गांधी को प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया है तो हमने यहां आने का फैसला किया। हम दुख दर्द बताने के लिए यहां आए हैं। BHU ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए पैसे मांगे गए। हम लोगों पर गुंडा ऐक्ट भी लगाया गया है। प्रशासन से हम नहीं मिले। वो समझौता करवाना चाह रहे थे। उन्होंने कहा, प्रशासन की सहमति और मिलीभगत से पूरी घटना हुई है।
कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी के आंदोलन के आगे यूपी सरकार ने घुटने टेके; मिर्जापुर डीएम ने कहा- प्रियंका जी अब आजाद हैं।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) 20 जुलाई 2019
सत्य की जीत, साहस की जीत।
न्याय के लिए लड़ाई जारी रहेगी। #YogiLosesNerve pic.twitter.com/I5Br0CUeQV
पीड़ितों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, कुछ महिलाओं पर फर्जी केस दर्ज किए गए हैं। पीड़ितों के ऊपर पूरी योजना से गोलियां चलाईं, जो बच गए उन्हें डंडे से मारा गया। ऐसे में महिलाओं के खिलाफ केस वापस हो। ग्रामीणों की जमीन वापस मिलनी चाहिए। पीड़ितों के परिजनों की सुरक्षा जरूरी है।
हालांकि पीड़ित परिवार के सिर्फ दो रिश्तेदारों से प्रियंका की मुलाकात हो सकी बाकी को मिलने से रोक दिया गया। दरअसल प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पिछले 24 घंटे से अपनी जिद पर अड़ी हुई थीं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें सोनभद्र जाने की परमिशन नहीं दी। प्रियंका शुक्रवार की पूरी रात हिरासत में रहीं। उन्हें चुनार गेस्ट हाउस में रात गुजारनी पड़ी, इसके बावजूद भी वह अपनी जिद पर अड़ी रहीं और नरसंहार पीड़ितो से मिलने की मांग को लेकर दूसरे दिन यानी शनिवार को भी धरने पर बैठीं। इसके बाद पीड़ितों के परिजन खुद प्रियंका से मिलने मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस पहुंच गए।
#WATCH Priyanka Gandhi Vadra: Prasashan ko inki (family of victims of Sonbhadra firing case) rakhwali karni chaiye. Jab inke sath hadsa ho raha tha, madad karni chaiye thi. Prasashan ki mansikta meri samaj se bahar hai. Aap unn par thoda dabaw banaiye, aap mere piche pade hain. pic.twitter.com/BIW8ZYnzRF
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
Mirzapur: Family members of the victims of Sonbhadra"s firing case come to meet Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra at Chunar Guest House. pic.twitter.com/Yujq1qcSU6
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
सोनभद्र से मिर्जापुर पहुंचे पीड़ित परिवार के सिर्फ दो रिश्तेदारों को ही प्रियंका से मिलने दिया गया। बाकी लोगों को रोक दिया गया। इस बात पर प्रियंका गांधी ने नाराजनी जाहिर करते हुए कहा, पीड़ितों के दो रिश्तेदार मुझसे मिलने यहां आए हैं, बाकी 15 लोगों को आने नहीं दिया गया। मुझे भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। भगवान जाने इनकी क्या मानसिकता है। आप थोड़ा दबाव बनाइये, उन्हें आने दीजिए।
Priyanka Gandhi Vadra: Two relatives of victims have come here to meet me, 15 others are not being allowed to meet me. Even I am not being allowed to meet them. Bhagwan jane inki mansikta kya hai? Aap thoda dawab banayiya, unhe aana dijiye. Mere pichhe pade hain. pic.twitter.com/49WkEL1URC
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
शनिवार सुबह प्रियंका ने चुनार गेस्ट हाउस के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया, प्रियंका गांधी ने साफतौर पर कह दिया था कि, वह पीड़ितों से मिले बिना कहीं नहीं जाने वाली। प्रियंका ने कहा, 24 घंटे हो गए हैं। मैं तब तक यहां से वापस नहीं जाऊंगी जब तक कि मैं पीड़ितों से मुलाकात नहीं कर लेती। धरने पर बैठने के बाद पीड़ितों के परिजन प्रियंका से मिलने पहुंचे।
Mirzapur: Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra party workers continue to sit on dharna at Chunar Guest House. She says, "It has been 24 hours. I am not going to leave until unless I am allowed to meet the victims of Sonbhadra"s firing case." pic.twitter.com/mXVDBxutma
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
प्रियंका के बाद अब दूसरी ओर टीएमसी के चार सांसद भी वाराणसी एयरपोर्ट पर धरने पर बैठ गए हैं। टीएमसी सांसद नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे, लेकिन वाराणसी एयरपोर्ट पर ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया जिसके बाद वह एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए।
Trinamool Congress (TMC) delegation sit on a dharna at Varanasi airport, after they were stopped by police at the airport. They were on their way to meet the victims of Sonbhadra"s firing case. pic.twitter.com/MS86BGTQDX
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
बता दें कि, शुक्रवार को यूपी पुलिस ने प्रियंका गांधी हिरासत में लिया था। जिसके बाद उन्हें मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में रखा गया। प्रियंका गांधी ने भी हार नहीं मानी। उन्होंने जमानत लेने से इनकार कर दिया और पूरी रात उसी गेस्ट हाउस में गुजार दी। प्रियंका लगातार यही कह रही हैं कि, वह पीड़ितों से मिले बिना वापस नहीं जाएंगी। उनका कहना है, अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहे तो मैं इसके लिए भी पूरी तरह से तैयार हूं।
Mirzapur: Early morning visuals from Chunar Guest House where Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra party workers have been sitting on dharna. She was detained in Narayanpur by police yesterday while she was on her way to meet victims of Sonbhadra"s firing case. pic.twitter.com/8Dl4UaXj4T
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
दरअसल, नरसंहार पीड़ितों से मिलने के लिए प्रियंका गांधी शुक्रवार को वाराणसी के रास्ते से सोनभद्र के लिए रवाना हुईं थी, लेकिन वह पीड़ितों से नहीं मिल सकीं। रास्ते में ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सोनभद्र के कलेक्टर ने जिस उभ्भा गांव में नरसंहार हुआ वहां और उसके आसपास के इलाकों में धारा 144 लगा दी। जिसकी वजह से प्रियंका को मिर्जापुर पुलिस ने नारायनपुर पहुंचते ही रोक लिया। प्रियंका ने पुलिसवालों से रोने जाने की वजह पूछी और धरने पर बैठ गईं। बाद में उन्हें धारा 144 का उल्लंघन करने पर हिरासत में लेकर चुनार किला में बने गेस्ट हाउस लाया गया।
ADG Varanasi, Commissnor Varanasi division and other senior Police Govt officials leaving Chunar Qila at 1.15 am pic.twitter.com/ceyk4Rg2k0
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
प्रियंका गांधी ने शुक्रवार की रात चुनार गेस्ट हाउस में गुजारी। देर रात तक अफसरों का गेस्ट हाउस पर आना जाना लगा रहा। अधिकारी उन्हें मनाते भी रहे। प्रियंका से मिलने वाराणसी जोन के एडीजी, कमिश्नर और डीआईडी भी पहुंचे, लेकिन प्रियंका ने इन सभी आलाधिकारियों से साफ-साफ कह दिया कि, वह पीड़ितों से मिले बिना वापस नहीं लौटेंगी। वहीं कांग्रेस नेताओं ने ये दावा किया है कि, गेस्ट हाउस में पानी और बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी।
अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
प्रियंका गांधी समेत 10 लोगों पर शांति भंग करने की आशंका में IPC की धारा 151 और 107/16 लगाई गई है। प्रियंका को हिरासत में रखा गया है। प्रशासन की दलील है कि ये जमानती धारा है। वहीं, प्रियंका ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि, वह न तो जमानत लेंगी और न ही नरसंहार पीड़ितों से मिले बिना वापस लौटेंगी। प्रियंका गांधी ने देर रात कई ट्वीट भी किए।
क्या इन आँसुओं को पोंछना अपराध है? pic.twitter.com/HdPAEkGJGj
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 20, 2019
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, यूपी सरकार ने एडीजी वाराणसी बृज भूषण, वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मिर्जापुर, डीआईजी मिर्जापुर को मुझे ये कहने के लिए भेजा कि, मैं यहां से पीड़ित परिवारों से मिले बगैर चली जाऊं। सब एक घंटे मेरे साथ बैठे। मुझे हिरासत में रखने का कोई आधार दिया है न कागजात दिए।
उप्र सरकार ने ADG वाराणसी श्री बृज भूषण, वाराणसी कमिश्नर श्री दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मीरजापुर, DIG मीरजापुर को मुझे ये कहने के लिए भेजा कि मैं यहाँ से पीड़ित परिवारों से मिले बग़ैर चली जाऊँ। सब एक घंटे से मेरे साथ बैठे हैं। न मुझे हिरासत में रखने का कोई आधार दिया है न कागज़ात दिए
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने कहा, मैंने यह स्पष्ट करते हुए कि, मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आयी थी सरकार के दूतों से कहा है, बग़ैर मिले मैं यहां से वापस नहीं जाऊंगी। अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं।