कारगिल युद्ध के 21 साल: 18 हजार फीट की ऊंचाई पर जवानों ने ऐसे किया था दुश्मन का सामना
कारगिल युद्ध के 21 साल: 18 हजार फीट की ऊंचाई पर जवानों ने ऐसे किया था दुश्मन का सामना
- 18 हजार फीट के ऊंचाई पर 527 जवानों ने दुश्मन के छुड़ाए थे पसीने
- कारगिल युद्ध के आज 21 साल पूरे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 1999 में 26 जुलाई को ऐसी घटना हुई, जिसे कारगिल में करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया। इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा योद्धाओं को खो दिया और 1300 से ज्यादा घायल हुए थे। जी हां... हम बात कर रहे हैं कारगिल युद्ध की। आज कारगिल युद्ध की 21वीं वर्षगांठ है। हर साल 26 जुलाई को इस दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ताकि कारगिल युद्ध में शहीद हुए शहीदों को याद किया जा सके और उन्हें सम्मान दिया जा सके। करगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए।
इस कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें हमारी सेना ने विजय हासिल की थी। भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम ही करगिल युद्ध है। साल 1999 में यह मई में शुरु हुआ था और लगातार 60 दिनों तक चलने के बाद 26 जुलाई को इसका अंत हुआ था। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध 18 हजार फीट ऊंचाई वाले इलाके पर हुआ। जिसके चलते भारत और पाकिस्तान दोनों सेनाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। आज कारगिल युद्ध की 21वीं वर्षगांठ पर हम आपको बता रहें है। इस युद्ध से जुड़ी हुई कुछ ऐसी बातें, जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे।
चरवाहे से मिली थी कारगिल की सूचना
जी हॉ... कारगिल युद्ध की सूचना एक चरवाहे के द्वारा मिली थी। चरवाहे ने करगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचना तीन मई 1999 को दी थी।
भारत ने चलाया ऑपरेशन विजय अभियान
कारगिल युद्ध के बारे में पता चलते ही भारत ने एलओसी पर से पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए करगिल सेक्टर में ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) अभियान चलाया था और जीत हासिल की थी।
26 जुलाई को मिली कारगिल जीत
इस ऑपरेशन विजय अभियान के तहत 26 जुलाई को भारत ने करगिल युद्ध (Kargil War) में जीत हासिल की थी। करगिल युद्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 3 हजार सैनिकों को मार गिराया था। बता दें यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था।
इतने जवान हुए थे शहीद
इस युद्ध में भारत के 527 जवान शहीद हुए और 1363 जवान घायल हो हुए थे। वहीं बोफोर्स तोपें करगिल लड़ाई में सेना के खूब काम आई थी।
सेनाओं ने किया था मुश्किलों का सामना
करगिल के युद्ध के दौरान भारतीय सेना को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। क्योंकि पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था। भारतीय जवानों को आड़ लेकर या रात में चढ़ाई कर ऊपर पहुंचना पड़ रहा था जोकि बहुत जोखिमपूर्ण था।
युद्ध में भारतीय सेना का था विशेष योगदान
इस युद्ध में भारतीय सेना का विशेष योगदान था। भारतीय वायुसेना ने 32 हजार फीट की ऊंचाई से एयर पावर का उपयोग किया था। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया और जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए। साथ ही पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया था।
अटल बिहारी वाजपेयी थे प्रधानमंत्री
करगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। करगिल युद्ध की जीत की घोषणा तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजेपयी ने 14 जुलाई को की थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस की घोषणा की गई थी। अटल बिहारी बाजपेई ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बातचीत कर उन्हें लताड़ा था। उन्होंने नवाज शरीफ से कहा था कि मेरा लाहौर बुलाकर स्वागत करते हैं और उसके बाद करगिल का युद्ध छेड़ देते हैं यह बहुत बुरा व्यवहार है।