जनादेश: कहीं विकास की धारा फूटी तो कहीं आश्वासनों की बारिश, ये हैं आदर्श गांव

जनादेश: कहीं विकास की धारा फूटी तो कहीं आश्वासनों की बारिश, ये हैं आदर्श गांव

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-25 07:24 GMT
जनादेश: कहीं विकास की धारा फूटी तो कहीं आश्वासनों की बारिश, ये हैं आदर्श गांव
हाईलाइट
  • केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने नितिन गडकरी ने पाचगांव का किया विकास
  • सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव को लिया था गोद

डिजिटल डेस्क, भोपाल। केन्द्र सरकार की सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जिन सांसदों ने गांव को विकास करने के लिए गोद लिया था। उनमें से कुछ गांवो की सूरत बदली है तो कुछ की तस्वीर आज भी पहले जैसी है। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जमीनी स्तर पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पाचगांव को गोद क्या लिया, महज चार सालों में गांव की तस्वीर बदल गई। गांव में सड़क,बिजली-पानी से लेकर वाई-फाई तक की सुविधा पहुंच चुकी हैं। गांव में 15 प्रोजेक्ट के लिए 18 करोड़ रूपए पास भी हो चुके है। 

कभी गिट्टी की खदानों के लिए पहचाने जाने वाला गांव आज आदर्श विकास के लिए जाना जाता है। नागपुर से उमरेड मार्ग पर करीब 15 किमी की दूरी पर बसे पाचगांव की सीमा में 50 से अधिक गिट्टी खदानें हैं। यहां की गिट्टी देश में प्रसिद्ध है। गिट्टी परिवहन के काम ने गांव में ही 60 से अदिक ट्रांसपोर्टर तैयार कर दिए हैँ। 4,923 जनसंख्या वाले पांचगांव के बहिस्से में हाल ही में तमगा आया है। देश का पहला गांव है जो वाईफाई से लैस है और गांव के प्रवेश मार्ग पर डिवाइडर लगे हैं। महानगर की सड़कों की तरह स्ट्रीट लाइट है। 

2014 में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पाचगांव को गोद लिया। गडकरी ने विविध विकास संस्थाओं के सहयोग से पाचगांव में विकास प्रोजेक्ट लाए हैं। गांव में भव्य प्रवेश द्वार बनाया  गया है। करीब 300 मीटर तक डिवाइडर युक्त सीमेंट सड़क बनाई है। बाजार चौक में ग्राम पंचायत भवन है। चौक में ही नए विकास प्रोजेक्ट का बकायादा बोर्ड लगा है। 100 बिस्तर का अस्पताल, नया ज्यूनियर कॉलेज, ई-लाइब्रेरी,आईटीआई, महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण केन्द्र, 24 बाय 7 जलापूर्ति योजना, वाईफाई ग्राम पंचायत जैसे प्रोजेक्ट प्रमुख हैं। प्रोजेक्ट को लेकर नागरिक काफी खुश है। फिक्र इस बात की है कि जितनी तेज गति से विकास कार्य चालू हुए उसकी तुलना में पूरे नहीं हो पाए हैं। 

शिवसेना के सांसद चंद्रकांत ने भी सांसद आदर्श योजना के तहत कन्नड़ तहसील में आड़गांव को गो लिया, लेकिन साढ़े चार साल में सिर्फ चार बार गांव का दौरा किया। सैनिकों के गांव के नाम से पहचाने जाने वाले गांव में 47 विकास कामों का उद्धाटन किया गया, जिसमें कुछ काम पूरे किए गए, लेकिन काम अधूरे हैं। इसके कारण गांववासियों में खैरे के प्रति नाराजगी है। सांसद खैरे ने आड़गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया, लेकिन उसे आदर्श बनाने के लिए कुछ नहीं किया। ग्रामवासियों का कहना है कि इस गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं है। 

बता दें कि इस गांव में भोसले नाम के लोगों की संख्या ज्यादा होने के कारण इस आड़गांव भोसले भी कहा जाता है। साल 2011 के जनगणना के हिसाब से आडगांव की जनसंख्या 2196 थी, जिसमें 1027 महिला व 1169 पुरूष शमिल हैं। गोद लेने के लिए गांव की जनसंख्या कम से कम तीन हजार होनी चाहिए थी, लेकिन गांव की जनसंख्या कम से कम तीन हजार होनी चाहिए थी, लेकिन गांव की जनसंख्या को देखते हुए, ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया, जिससे इस गांव को गोद लिया जा सकता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हन पर खैरे ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत आड़गांव को गोद लिया। दिसंबर 2014 में विकार के कई नरियल फोड़े गए। सैनिकों के गांव के नाम से पहचाने जाने वाले गांवम में 47 विकास कामों का उद्धाटन किया गया, जिसमें कुछ काम पूरे किए गए, लेकिन आंगनवाड़ी, राष्ट्रीयकृत बैंक, बस स्टैंड, सार्वजनिक शौचालय, स्वास्थ्य केन्द्र, महाविद्यालय, बच्चों के खेलने के लिए मैदान, भूमिगत बिजली लाइन, व्यायाम शाला, सांस्कृतिक सभागृह वाचनालय, डिजिटल स्कूल का काम नहीं हुआ है। 

ये है आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य 
गांव में शिक्षा की सुविधाएं, साफ-सफाई, स्वास्थ्य सुविधाएं, कौशल विकास, जीवनयापन के बेहतर मौके, बिजली, पक्के घर, सड़कें और बेहतर प्रशासनिक व्यवस्थाएं।

 

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