वह शख्स, जिसके घर से भारत की सबसे बड़ी नकदी निकली

पीयूष जैन वह शख्स, जिसके घर से भारत की सबसे बड़ी नकदी निकली

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-27 16:03 GMT
वह शख्स, जिसके घर से भारत की सबसे बड़ी नकदी निकली
हाईलाइट
  • नकदी निकलने पर पड़ोसी हुए हैरान
  • पीयूष जैन के पास था पुराना स्कूटर
  • भारी मात्रा में कैश व ज्वैलर्स बरामद होने पर मचा हड़कंप

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। देश के इतिहास में सबसे बड़ी नकदी की बरामदगी से चर्चा में आए पीयूष जैन को एक आम आदमी समझने की भूल आसानी से की जा सकती है। अपने घर और उसकी दीवारों में करोड़ों रुपये जमा करने वाले जैन की जीवनशैली आश्चर्यजनक रूप से सरल रही है। जैन अपने गृहनगर कानपुर में अभी भी एक पुराने स्कूटर की सवारी करते हैं और उनका घर बेहद मामूली है, हालांकि उन्होंने हाल ही में इसे फिर से बनवाया है। उनके पास एक क्वालिस और एक मारुति वैन है और जब उनके घर से नकदी निकली तो उनके पड़ोसी हैरान रह गए।

आर.के. शर्मा चिप्पट्टी इलाके में रहते हैं, जहां जैन भी रहते हैं। उन्होंने कहा, वह इत्र व्यवसाय में सिर्फ एक और व्यवसायी थे और हमने कभी नहीं सोचा था कि उनके घर में इतनी नकदी होगी। उन्होंने कभी भी अपने धन का दिखावा नहीं किया और यहां तक कि उनकी जीवनशैली भी मध्यम वर्ग जैसी है। जैन के पिता ज्यादातर कन्नौज में रहते हैं, जबकि वह और उनके भाई अमरीश कानपुर में रहते हैं। जैन ने अपने रसायनज्ञ पिता से इत्र और खाद्य पदार्थ बनाने की कला सीखी। 52 वर्षीय जैन का जन्म कानपुर में हुआ था और उन्होंने वहीं से अपनी शिक्षा पूरी की। फिर वह कन्नौज में अपने पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ गए। हालांकि उन्होंने कानपुर में रहना जारी रखा।

उनके परिचितों का दावा है कि सत्ता में उनका कोई राजनीतिक संबंध या मित्र नहीं है। उनके एक सहयोगी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, हमने उन्हें कभी किसी राजनेता या राजनीतिक दल के कार्यालय में जाते नहीं देखा। उन्होंने कभी भी किसी प्रभावशाली व्यक्ति को जानने का दावा नहीं किया। आम धारणा के विपरीत, जैन का समाजवादी पार्टी के नेता पम्पी जैन से कोई लेना-देना नहीं है, जिन्होंने पिछले महीने लखनऊ में समाजवादी यात्रा की शुरुआत की थी।

कन्नौज निवासी कुणाल यादव ने कहा, दोनों के बीच केवल एक चीज समान है कि वे दोनों इत्र व्यवसाय में हैं, वे दोनों एक ही इलाके में रहते हैं और दोनों जैन समुदाय से संबंधित हैं। पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन समाजवादी पार्टी के विधान पार्षद हैं। उन्होंने ही समाजवादी इत्र की शुरुआत की थी। हालांकि, पीयूष जैन और पम्पी, दोनों को जोड़ने वाली मीडिया रिपोर्टों ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल ला दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि अब उन्हें पता है कि कुछ लोग नोटबंदी का विरोध क्यों कर रहे थे।

उन्होंने कहा, काला धन अब दीवारों से बाहर आ रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि इस छापे को सपा से बिल्कुल भी नहीं जोड़ा जाना चाहिए। पीयूष जैन का सपा एमएलसी पम्पी जैन से कोई संबंध नहीं है। सपा नेताओं का दावा है कि पीयूष जैन के परिवार का झुकाव भाजपा की तरफ है और उन्होंने हमेशा सत्ताधारी पार्टी का साथ दिया।

जैसा कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बिना किसी संरक्षण के इतना धन जमा करना संभव नहीं है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, सच्चाई सामने आएगी। जैसे-जैसे चीजें खड़ी हो रही हैं, उसे देखते हुए पीयूष जैन सलाखों के पीछे लंबे समय तक रहने की तैयारी कर सकते हैं। सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद सोमवार को जैन को एक स्थानीय अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जीएसटी के एक अधिकारी ने कहा, जैन ने स्वीकार किया है कि उनके आवासीय परिसर से बरामद नकदी जीएसटी के भुगतान के बिना माल की बिक्री से संबंधित है।

(आईएएनएस)

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