SC ने दिया बिहार सरकार के पक्ष में फैसला, कहा- नियोजित शिक्षकों को नहीं मिलेगा समान वेतन
SC ने दिया बिहार सरकार के पक्ष में फैसला, कहा- नियोजित शिक्षकों को नहीं मिलेगा समान वेतन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका मंजूर करते हुए करीब 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों को समान वेतन का आदेश देने से मना कर दिया है। इससे पहले साल 2017 में पटना हाई कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें भी नियमित शिक्षकों जितना वेतन देने का आदेश दिया था। बता दें कि समान काम के बदले समान वेतन के लिए नियाजित शिक्षक काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं। गौरतलब है कि बिहार सरकार की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि यह नियोजित शिक्षक बिहार सरकार के कर्मचारी नहीं हैं इसलिए इन्हें नियमित सरकारी शिक्षक के बराबर तनख्वाह नहीं दी जा सकती।
बिहार सरकार पर पड़ेगा 9500 करोड़ का आर्थिक भार
अक्टूबर 2018 में मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की समान वेतन की मांग को स्वीकार करते हुए शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था। पटना कोर्ट से राहत मिलने के बाद बिहार में नितीश कुमार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। बिहार सरकार की ओर से तर्क दिया गया था कि सरकार ने कहा था कि राज्य में नियोजित शिक्षकों की संख्या चार लाख है, अगर नियोजित शिक्षकों को समान वेतन दिया जाता है तो सरकार पर तकरीबन 9500 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाएगा।
केंद्र सरकार ने किया समर्थन
बिहार सरकार की तरफ से दिए गए तर्कों का केंद्र सरकार ने भी भरपूर समर्थन किया है। राज्य सरकार के पक्ष में दलील देते हुए केंद्र ने कहा कि अगर बिहार में शिक्षकों की बात मान ली जाती हैं तो दुसरे राज्य से भी इस तरह की मांगें उठने लगेंगी।
बिहार में सियासत गर्माई
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में सियासत गर्मा गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी और सांसद मीसा भारती ने निराश शिक्षकों से वादा किया कि हमारी सरकार आई तो आपकी सारी मांगे पूरी होंगी। राज्य के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने शिक्षकों से संयम बरतने की अपील की। शिक्षा मंत्री मीसा भारती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी सरकार हमेशा शिक्षकों के साथ है। उन्होंने कहा कि अभी दो चरणों का चुनाव बचा हुआ है इसलिए लोग कुछ भी बयानबाजी करेंगे।