- जम्मू में भाजपा तो कश्मीर घाटी में पीडीपी काबिज
- जम्मू-कश्मीर में हैं 6 लोकसभा सीट
- बरसों से खाली है अनंतनाग सीट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सिर्फ केंद्रीय रिजर्व बल के सैनिक ही शहीद नहीं हुए, बल्कि इस हमले से भारत के दुश्मनों ने बरसों से लहु-लुहान जम्मू-कश्मीर राज्य में लोकतंत्र का गला घोंटने की साजिश रची है। वर्तमान में न ही केंद्र सरकार और न ही निर्वाचल आयोग ये बताने की स्थिति में है कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव हो भी सकेंगे या नहीं ?
राज्य की 6 लोकसभा सीटों में से अनंतनाग बरसों से खाली है। मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं थीं, जिसके बाद उन्होंने अनंतनाग लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उपचुनाव की तैयारी कर ली थी, मुंबई में रहकर फिल्मी क्षेत्र में काम कर रहे अपने भाई को उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था, हालांकि आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद पूरे इलाके में अशांति फैल गई थी। आतंकी हमलों के कारण उपचुनाव टाल दिया गया, जिसके बाद महबूबा ने भाई को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया, हालांकि वे न ही विधानसभा के सदस्य रहे और न ही विधान परिषद के।
कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की सेंध
लद्दाख लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। वर्ष 2014 में भाजपा ने सबको चकित करते हुए लेह-लद्दाख लोकसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी। साल 2014 में भाजपा सांसद धुप्सतन छेवांग ने लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था, हालांकि माना जाता है कि उन्होंने निजी कारणों से त्यागपत्र दिया था।
BJP-PDP की 2-2 सीटें
घाटी के दो लोकसभा श्रेत्रों में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद हैं, जबकि जम्मू के दोनों क्षेत्रों में भाजपा के सांसद हैं। जम्मू के उधमपुर से विजयी डॉ. जितेंद्र सिंह प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री हैं।
2014 लोकसभा चुनाव की स्थिति
अनंतनाग मबूबा मुफ्ती जेकेपीडीपी
बारामूला मुजफ्फर हुसैन बेग जेकेपीडीपी
जम्मू जुगल किशोर भाजपा
लद्दाख धुप्सतन छेवांग भाजपा
श्रीनगर तारिक हमीद कर्रा जेकेपीडीपी
उधमपुर जितेंद्र सिंह भाजपा