जल जीवन मिशन के लिए 360.95 करोड़ रुपये की मिली दूसरी किश्त
उत्तराखंड जल जीवन मिशन के लिए 360.95 करोड़ रुपये की मिली दूसरी किश्त
- ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति सर्वोच्च प्राथमिकता पर होगी
डिजिटल डेस्क, देहरादून । जल जीवन मिशन (जेजेएम) को तेजी से लागू करने के उद्देश्य से केंद्र ने उत्तराखंड को 360.95 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त जारी की है, जिसमें राज्य में उनके घरों में नल के पानी की आपूर्ति के लिए 15.18 लाख ग्रामीण परिवारों में से 7.53 लाख (49.60 फीसदी) परिवार को मिल रहा है। जल शक्ति मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह आवंटन 2021-22 में आवंटित 1,443.80 करोड़ रुपये का हिस्सा है, जो बदले में, 2020-21 के दौरान किए गए आवंटन का चार गुना है। इससे पहले, दो चरणों में, केंद्र 2020-21 में राज्य को पहले ही 721.90 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है।
देश भर के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुसार, जिसके लिए अगस्त 2019 से राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन लागू किया जा रहा है। बड़ी बहु-ग्राम पेयजल आपूर्ति योजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को तेज करते हुए पिछले दो माह में उत्तराखंड के 11 जिलों में फैले 846 गांवों में 58 हजार घरों के लिए 714 करोड़ रुपये की योजनाओं से तीन लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित करने की योजना को राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) द्वारा अनुमोदित किया गया है।
जल शक्ति मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, इससे महिलाओं और बच्चों को होने वाली परेशानी में काफी कमी आएगी, जो हर दिन दूर के जल स्रोतों से पानी लाने में कई घंटे बिताते हैं। 15 अगस्त, 2019 को, जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, केवल 1.30 लाख (8.58 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति थी। 28 महीनों में, कोविड महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, राज्य ने 6.22 लाख (41.02 प्रतिशत) घरों में नल के पानी का कनेक्शन दिया गया है।
इस प्रकार, अब तक राज्य के 15.18 लाख ग्रामीण परिवारों में से 7.53 लाख (49.60 प्रतिशत) घरों में नल से पानी की आपूर्ति हो रही है। इस दुर्गम इलाके में कई इलाकों में प्रतिकूल मौसम और परिवहन की चुनौतियों के बावजूद गांवों में नल के पानी की आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए जलापूर्ति का काम जोरों पर है। राज्य की योजना 2021-22 में 2.64 लाख घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने की है। अब तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में 2,438 गांवों और 620 प्रखंडों को नल से जलापूर्ति की जा चुकी है।
(आईएएनएस)