हेमंत करकरे को श्रद्धांजलि दे सकते हैं, लेकिन सम्मान नहीं कर सकते: RSS नेता
हेमंत करकरे को श्रद्धांजलि दे सकते हैं, लेकिन सम्मान नहीं कर सकते: RSS नेता
- आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा
- हेमंत करकरे को श्रद्धांजलि दी जा सकती है
- लेकिन उनका सम्मान नहीं किया जा सकता
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। इंद्रेश कुमार ने भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा करकरे पर दिए गए विवादित बयान को समर्थन देते हुए कहा कि, हेमंत करकरे को श्रद्धांजलि दी जा सकती है, लेकिन उनका सम्मान नहीं किया जा सकता है।
Indresh Kumar, RSS: Hemant Karkare acted wrongly by torturing others. Still, Pragya exhibited humanity by amending her statement (on Karkare) after there was uproar over her remarks https://t.co/sCslZlxoCe
— ANI (@ANI) July 31, 2019
बुधवार को भोपाल में प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, हेमंत करके आतंकियों की गोली से मारे गए इसलिए वे एक शहीद हैं और सम्मान के पात्र हैं, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही वर्दी में रहकर भगवा आतंकवाद को साबित करने के लिए अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर लोगों को फंसाया गया।
इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार पर मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर पर अत्याचार करने के लिए वर्दी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा, भले ही उनका अपराध साबित होना बाकी था, लेकिन यह अनुचित था और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार ने एजेंसियों का दुरुपयोग किया और एक महिला (साध्वी प्रज्ञा) को साजिश के तहत प्रताड़ित किया। RSS नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, हम सभी को इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने (प्रज्ञा ठाकुर ने) मानवता का प्रदर्शन किया और करकरे पर उसके बयान पर हंगामा होने के बाद उन्होंने बदलाव किया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दावा किया था, हेमंत करकरे ने उस समय अत्याचार किया था जब वह उनकी हिरासत में थीं और 2008 में मुंबई में आतंकी हमले के दौरान उनके श्राप के कारण करकरे की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि, नवंबर 2008 में मुंबई में 26/11 के हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए हेमंत करकरे दो अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मारे गए थे।