सामने आया राज्यसभा में सांसदों-मार्शल की धक्कामुक्की का वीडियो, सरकार ने कहा- विपक्ष नहीं चाहता सदन चले
सत्ता पक्ष Vs विपक्ष सामने आया राज्यसभा में सांसदों-मार्शल की धक्कामुक्की का वीडियो, सरकार ने कहा- विपक्ष नहीं चाहता सदन चले
- राज्यसभा में सांसदों को पीटा गया - विपक्ष
- राज्यसभा में हंगामे के बाद सरकार-विपक्ष आमने-सामने
- विपक्ष ने सदन को नहीं चलने दिया - सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। बुधवार को भले ही सत्र खत्म हो गया, लेकिन आखिरी दिन राज्यसभा में जो हुआ, उसको लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जोरदार जंग छिड़ गई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्यसभा में बाहर से मार्शल बुलाकर सांसदों के साथ बदसलूकी की गई है। राज्यसभा की तीन महिला सांसदों द्वारा मार्शल पर पिटाई का आरोप लगाया गया है। इनमें फूलो देवी नेताम, अमी याग्निक और छाया वर्मा शामिल हैं।
#WATCH संसद में कल विपक्षी सांसदों के मार्शलों के साथ मारपीट का सीसीटीवी फुटेज। pic.twitter.com/c4Gi42VCGb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 12, 2021
वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, जो सरकार कहती है अगर आप उसी को सच मान लें तो ठीक है। हम तो वहां देखे हैं, राज्यसभा के सभी सदस्यों ने देखा है। फुटेज को आप क्या-क्या कर सकते हैं सबको मालूम है। वहां फोर्स आई कैसे? इतने नॉर्मल मार्शल्स तो वहां नहीं थे और इतनी महिलाएं भी नहीं थीं।
वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे पर राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, इस सत्र में हमने लगातार बहुत की दुखद और शर्मनाक घटनाएं देखीं। पूरे विपक्ष की मंशा शुरू से सदन की गरिमा गिराने और सत्र को नहीं चलने देने की रही। ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक में भी शायद एक राजनीतिक मजबूरी में उन्होंने सदन को चलने दिया।
वहीं, सांसद प्रहलाद जोशी ने कहा, साढ़े सात साल भी वो (विपक्ष) जनादेश स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। खासकर कांग्रेस को ऐसा लगता है कि ये हमारी सीट थी और इसे मोदी जी ने आकर छीन लिया। उनकी इसी मानसिकता की वजह से ऐसी चीजें हो रही हैं। कांग्रेस और उसकी मित्र पार्टियों ने पहले से ये तय कर लिया था कि हम इस बार संसद नहीं चलने देंगे। उन्होंने मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया, उन्होंने महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा नहीं होने दी।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा।घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए इनको(विपक्ष) देश से माफी मांगनी चाहिए।
मोदी सरकार के 8 मंत्री विपक्ष पर साधे 8 निशाने
मोदी कैबिनेट के मंत्रियों ने कहा कि मानसूत्र के शुरू होने से पहले ही सत्र बर्बाद करने का तय कर चुका था विपक्ष, इसलिए सदन में काम नहीं करने दिया। कोरोना, महंगाई, कृषि बिल पर सरकार चर्चा को तैयार थी, विपक्ष पेगासस पर अड़ा रहा। 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार ने दर्जनों बिल बिना चर्चा के पास किए, हमने चर्चा करने की कोशिश की। जिन 6 सांसदों को सस्पेंड किया गया था, वो शीशा तोड़कर सदन में आना चाहते थे। इस दौरान महिला मार्शल को चोट लगी। अगस्त को टेबल पर चढ़कर हंगामा किया गया, रूलबुक को चेयर की ओर फेंका गया, ये एक कातिलाना हमला था। विपक्ष की महिला सांसदों ने ही लेडी मार्शल के साथ धक्का-मुक्की की, वीडियो फुटेज में ये साफ हुआ। कोई भी बाहरी सुरक्षाकर्मी सदन में नहीं आए, सिर्फ 30 सुरक्षाकर्मी जो सदन के ही हैं, वो मौजूद थे। विपक्ष सिर्फ अपनी बात कहने और डिविजन के वक्त शांत रहा, बाकि पूरे समय हंगामा किया गया और चेयर का अपमान किया गया।