पन्ना में बोले राहुल गांधी, अपनी बात थोपता नहीं, जनता के मन की सुनना चाहता हूं
पन्ना में बोले राहुल गांधी, अपनी बात थोपता नहीं, जनता के मन की सुनना चाहता हूं
- जनता के मन की बात सुनना चाहता हूं: राहुल
- न्याया योजना का किया बखान
- मंगलवार को मप्र पहुंचे कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष
डिजिटल डेस्क, भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने मंगलवार को मप्र के पन्ना पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि मोदी हर 15-20 दिन में जनता को अपने मन की बात बताने बैठ जाते हैं, जबकि अपने मन की बात जनता को बताने में मेरी बिल्कुल भी रुचि नहीं है, मैं जनता की बात सुनना चाहता हूं। उनके मन की बात को समझना चाहता हूं।
राहुल ने कांग्रेस की न्याय योजना का भी बखान किया, उन्होंने कहा कि भारत के अंदर 22 लाख नौकरियां आज भी खाली पड़ी हैं, कांग्रेस उन पर युवाओं की भर्ती करेगी। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं 15 लाख देने का वादा नहीं करूंगा, न ही मैं 2 करोड़ नौकरियां देने की बात कहूंगा, मैं आपसे कोई भी झूठ नहीं बोलूंगा।
इससे पहले राहुल टीकमगढ़ के जतारा भी पहुंचे, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा देखिये, आधा चुनाव खत्म हो चुका है। नरेंद्र मोदी हार रहे हैं। उनका चेहरा सूखा है। वह झिझक-झिझक कर, डर कर बोल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी चुनाव जीत रही है।
राहुल गांधी ने कहा, पीएम मोदी ने 15 लोगों को पैसा दिया मैं 25 करोड़ गरीबों को पैसा देना चाहता हूं। पिछले 5 सालों में चौकीदार ने जितना लूटना था लूटा, आपसे पैसा लेकर चौकीदार ने 15 लोगों को दिया। मैं हिन्दुस्तान के हर गरीब के खाते में पैसा डालना चाहता हूं, ऐसा काम किसी भी सरकार ने आज तक नहीं किया है।
राहुल गांधी ने कहा, बीजेपी ने चुनाव आयोग में मेरी शिकायत की है, मुझे "चौकीदार" शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पिछले पांच सालों में चौकीदार ने दबाकर गरीबों से पैसा खींचा। आपसे पैसा लेकर इस चौकीदार ने अंबानी, माल्या और नीरव मोदी जैसे लोगों को बांटा। मोदी ने बुंदेलखंड के लोगों के खाते में 15 लाख डालने का वादा किया था। लेकिन वो पूरा नहीं हुआ। पीएम ने 15 लोगों का पांच लाख करोड़ का कर्जा माफ किया, लेकिन गरीबों के खाते में पैसे नही डाले। हम बुंदेलखंड के लोगों के खाते में 72 हजार रुपए डालेंगे। हम 25 करोड़ गरीबों को हर साल 72 हजार रुपए देंगे।