झारखंड चुनाव: जिस सीट पर 24 साल से जीत रहे थे रघुवर, पूर्व सहयोगी सरयू ने हराया
झारखंड चुनाव: जिस सीट पर 24 साल से जीत रहे थे रघुवर, पूर्व सहयोगी सरयू ने हराया
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 में भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। मतदाताओं ने रघुवर दास के हाथ से ताज छीनकर हेमंत सोरेन को पहना दिया है। रघुवर दास 24 साल से जमशेदपुर पूर्व सीट पर जीतते आ रहे थे, लेकिन वह इस सीट को भी बचाने में कामयाब नहीं हो पाए। रघुवर को उनके पूर्व सहयोगी सरयू ने हरा दिया।
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सरयू राय का टिकट काट दिया था जिसके बाद उन्होंने बगावत करते हुए रघुबर के खिलाफ मैदान में उतरने का ऐलान किया था। रघुवर दास सरकार में सरयू राय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे। 18 नवंबर को जिस दिन सीएम रघुवर दास से अपना नामांकन भरा था, उसी दिन सरयू राय ने भी नामांकन दाखिल किया था। जमशेदपुर पूर्वी सीट पर दूसरे चरण के तहत 7 दिसंबर को मतदान हुआ था।
जमशेदपुर पूर्वी सीट पर 1995 से 2014 तक रघुवर दास ने लगातार 5 बार जीत हासिल की थी। वह छठवीं बार मैदान में थे। पिछली बार रघुवर दास ने कांग्रेस के आनंद बिहारी दुबे को 33 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। वहीं, बागी उम्मीदवार और पूर्व मंत्री सरयू राय ने पिछला चुनाव जमशेदपुर पश्चिम सीट से लड़ा था। राय ने 10517 वोटों से जीत हासिल की थी।
इस बार के चुनाव में विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को भी हार का सामना करना पड़ा। दिनेश उरांव सिसई विधानसभा से 30 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गए। सिसई विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर दिनेश उरांव का मुकाबला झामुमो के प्रत्याशी जिग्गा होरो से था। उरांव को 45,592 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) उम्मीदवार जीगा सुसरन होरो को 75446 वोट मिले।
इधर, भाजपा का नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को भी हार का सामना करना पड़ा। चक्रधरपुर सीट पर झामुमो के सुखराम ने कब्जा जमा लिया है। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को मात दी। सुखराम ने गिलुवा को 12234 मतों से हराया। सुखराम उरांव को 43832, जबकि लक्ष्मण गिलुवा को 31598 मत मिले।
रघुवर दास ने इस हार के बाज रांची में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, चुनाव में जो भी जनादेश मिला है, उसको स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में मिले जनादेश के मुताबिक उन्होंने राज्य में विकास के कार्य करने की कोशिश की और लोगों की सेवा करने का काम किया। कहा कहा, इस चुनाव में मिली हार भाजपा की नहीं, मेरी हार है।