पंजाब: 109 घंटे बाद बोरवेल से निकाला गया दो साल का फतेहवीर, अस्पताल में मौत
पंजाब: 109 घंटे बाद बोरवेल से निकाला गया दो साल का फतेहवीर, अस्पताल में मौत
- 150 फीट गहरे बोरवेल से फंसे मासूम की इलाज के दौरान मौत
- NDRF
- सेना और जिला प्रशासन सहित कुल 26 सदस्य बचाव अभियान में जुटे थे
- दो साल का फतेहवीर 6 जून की शाम खेलते वक्त बोरवेल में गिर गया था
डिजिटल डेस्क, संगरूर। पंजाब के संगरूर में 150 फीट गहरे बोरवेल से फंसे दो साल के मासूम को करीब 109 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। दो साल का फतेहवीर 6 जून की शाम खेलते- खेलते बोरवेल में गिर गया था। आज (11 जून) सुबह बोरवेल से निकालने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने दम तोड़ दिया।
Two-year-old Fatehveer Singh, who had fallen into a borewell in Sangrur, has passed away. https://t.co/wMn4IAhJJe
— ANI (@ANI) June 11, 2019
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर बच्चे की मौत पर दुख जताया और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
Very sad to hear about the tragic death of young Fatehveer. I pray that Waheguru grants his family the strength to bear this huge loss. Have sought reports from all DCs regarding any open bore well so that such terrible accidents can be prevented in the future.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) June 11, 2019
बच्चे का पूरा नाम फतेहवीर सिंह है जो कल (10 जून) ही दो साल का हुआ है। संगरूर के भगवानपुरा गांव में 6 जून शाम करीब चार बजे खेलते वक्त फतेहवीर अपने घर के पास सूखे पड़े बोरवेल में गिर गया था। जिसके बाद सूचना पाकर बचाव दल ने काम शुरू किया और रविवार तक बच्चे के करीब पहुंच गया था, लेकिन तकनीकी बाधा की वजह से उसे निकाला नहीं जा सका।
#WATCH Punjab: Two-year-old Fatehveer Singh, who had fallen into a borewell in Sangrur, rescued after almost 109-hour long rescue operation. He has been taken to a hospital. pic.twitter.com/VH6xSZ4rPV
— ANI (@ANI) June 11, 2019
बोरवेल के अंदर बच्चे पर नजर रखने के लिए एक कैमरा लगाया गया था। बच्चे को खाना-पीना नहीं दिया जा सका था, सिर्फ ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही थी। एनडीआरएफ, भारतीय सेना और जिला प्रशासन के कर्मचारियों को मिलाकर कुल 26 सदस्य बचाव अभियान में जुटे थे। डॉक्टर और एंबुलेंस 24 घंटे तैनात रहे।
मासूम को बचाने के लिए बोरवेल के समांतर एक दूसरा बोरवेल खोदा गया और उसमें कंक्रीट का बना 36 इंच व्यास का पाइप भी डाला गया। नये बोरवेल के जरिये ही बच्चे को मंगलवार सुबह बाहर निकाला गया। घटना स्थल पर कैंप लगाकर पंजाब के सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री विजय इंदर सिंगला ने राहत अभियान पर लगातार नजर बनाए रखी।