बिना अनुमति के फोन टैपिंग करना या कॉल रिकॉर्ड करना निजता का हनन: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली बिना अनुमति के फोन टैपिंग करना या कॉल रिकॉर्ड करना निजता का हनन: दिल्ली हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-08 17:30 GMT
बिना अनुमति के फोन टैपिंग करना या कॉल रिकॉर्ड करना निजता का हनन: दिल्ली हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख संजय पांडे को जमानत दे दी है। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति की अनुमति के बिना फोन टैपिंग या कॉल रिकॉर्ड करना गोपनीयता का उल्लंघन है।

जस्टिस जसमीत सिंह की एकल न्यायाधीश वाली बेंच ने कहा है कि बिना अनुमति के फोन टैपिंग करना या कॉल रिकॉर्ड करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित निजता के अधिकार की मांग है कि फोन कॉल को रिकॉर्ड नहीं किया जाए। केवल संबंधित व्यक्तियों की सहमति से इस तरह की गतिविधि की जा सकती है अन्यथा यह निजता के मौलिक अधिकार का हनन होगा।

रिपोर्ट के अनुसार, पांडे को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नामित किया गया था। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने इस साल सितंबर में 2009 और 2017 के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) कर्मचारियों के कथित फोन टैपिंग से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ये मामला दर्ज किया था। चार्जशीट एनएसई के पूर्व प्रमुखों चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त पांडे के खिलाफ दायर की गई थी।

ईडी ने दावा किया था कि पांडे को रामकृष्ण की मदद के लिए एमटीएनएल फोन को टैप करने के लिए 4.54 करोड़ रुपये मिले थे। पांडे आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड चलाते थे। यह आरोप लगाया गया है कि रामकृष्ण ने इस फर्म का इस्तेमाल एनएसई कर्मचारियों के फोन टैप करने के लिए किया था।

एनएसई कर्मचारियों द्वारा सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच किए गए फोन कॉल को आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टैप और रिकॉर्ड किया गया था। एजेंसी के एक सूत्र ने कहा था कि पांडे पर अवैध रूप से फोन टैप करने में मदद करने का आरोप लगाया गया है।

यह आरोप लगाया गया था कि एमटीएनएल फोन की अवैध टैपिंग टेलीग्राफ अधिनियम, आईपीसी के कई प्रावधानों, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के विपरीत थी। जस्टिस सिंह ने कहा कि भले ही एनएसई और आईसेक ने निजता का उल्लंघन किया हो, लेकिन इसे मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रथम ²ष्टया में अपराध नहीं माना जाएगा।

 

 (आईएएनएस)।

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