संसदीय समिति ने प्रसाद, थरूर के अकाउंट लॉक होने पर ट्विटर से मांगा जवाब

संसदीय समिति ने प्रसाद, थरूर के अकाउंट लॉक होने पर ट्विटर से मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-29 17:37 GMT
संसदीय समिति ने प्रसाद, थरूर के अकाउंट लॉक होने पर ट्विटर से मांगा जवाब
हाईलाइट
  • रविशंकर और थरूर के अकाउंट लॉक करने पर मांगा जवाब
  • संसदीय समिति ट्विटर पर सख्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर का ट्विटर अकाउंट लॉक किए जाने के मामले में दो दिनों के अंदर जवाब मांगा है। एक न्यूज एजेंसी ने ये जानकारी दी है। बता दें कि रवि शंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट शुक्रवार को करीब एक घंटे के लिए लॉक हो गया था। ट्विटर ने आईटी मिनिस्टर के अकाउंट के लॉक होने की वजह अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA) के उल्लंघन को बताया था। इसके बाद संसदीय पैनल के चेयरमैन शशि थरूर ने भी कहा था कि उनके साथ भी ऐसा ही हुआ था।

रविशंकर प्रसाद ने अकाउंट ओपन होने के बाद कई ट्वीट किए थे और अपने अकाउंट के लॉक होने की जानकारी दी थी। मंत्री ने कहा था, "ट्विटर की कार्रवाई इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 के रूल 4(8) का उल्लंघन है। जहां वे मुझे अपने स्वयं के अकाउंट तक पहुंच से वंचित करने से पहले मुझे कोई पूर्व सूचना प्रदान करने में विफल रहे।" वहीं इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर बनी पार्लियामेंटरी कमेटी के चेयरमैन शशि थरूर ने कहा था, हम ट्विटर इंडिया से रविशंकर प्रसाद और मेरे अकाउंट को बंद करने के लिए स्पष्टीकरण मांगेंगे। इसके साथ ही इस बात का भी जवाब मागेंगे कि भारत में ट्विटर को ऑपरेट करने के लिए वो किन नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।  

ट्विटर ने नहीं माने भारत सरकार के नियम
बता दें कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए फरवरी में नए नियम लेकर आई थी। सभी को नियमों का पालन करने के लिए 25 मई तक का समय दिया गया था। इन नियमों के तहत, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स को भारत में रेसिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर, चीफ कंप्लाइंस ऑफिसर और नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन नियुक्त करना था। नए नियमों में ओटीटी और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी पूरी जानकारी सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है। नियमों में कंपनियों से कहा गया है कि शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के अंदर शिकायत को सुनना होगा और 14 दिन के अंदर उसका समाधान करना होगा। ट्विटर ने अब तक इन नियमों का पालन नहीं किया है जिस वजह से सरकार और ट्विटर के बीच खींचतान देखने को मिल रही है।

बीते दिनों 5 जून को ट्विटर ने भारतीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के ऑफिशियल और पर्सनल दोनों हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS के बड़े नेता सुरेश जोशी, सुरेश सोनी और अरुण कुमार के ट्विटर हैंडल से भी ब्लू टिक हटा दिया गया था। इसे लेकर भी जमकर विवाद हुआ था। हालांकि बाद में ट्विटर ने ब्लू टिक वापस दे दिया था। तब ट्विटर ने इसके पीछे तर्क दिया था कि ये अकाउंट काफी दिनों से लॉग इन नहीं हुआ था, जिस वजह से ब्लू टिक हटाया गया था। बीजेपी नेता सुरेश नाखुआ ने इसे भारतीय संविधान पर हमला बताया था। बता दें कि ट्विटर वेरिफाइड अकाउंट को ब्लू टिक देता है। इसके अलावा भी कई अन्य घटनाएं देखने को मिली है।

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