जोशीमठ में मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर लोगों के साथ बैठे मालिक
उत्तराखंड जोशीमठ में मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर लोगों के साथ बैठे मालिक
- जोशीमठ में लोगों का रहना मुश्किल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तराखंड के जोशीमठ में मलारी होटल में दरारें आने के बाद होटल के मालिक व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं, होटल के मालिक ने बताया, "मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है। मैं तो वहां चला जाऊं लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं।
जोशीमठ (उत्तराखंड): मलारी होटल में दरारें आने के बाद होटल के मालिक व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं।
होटल के मालिक ने बताया, "मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है...मैं तो वहां चला जाऊं लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं।" pic.twitter.com/pCFeDqf6vR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2023
हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने मीडिया को जानकारी दी, कि जोशीमठ में भूस्खलन के कारण स्थितियां विकट हैं, परिवारों को स्थानांतरित किया जा रहा है। हरिद्वार जनपद की तरफ से 2500 कंबल और 1000 खाने के लिए जरूरी सामान के पैकेट भेजे जा रहे हैं। हम यहां अन्य जरूरी चीजों का भंडारण रखेंगे और आवश्यकता पड़ने पर भेजेंगे। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा कि ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है, जो वहां नहीं मिल पाई। इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई है, जो बुधवार को वहां पहुंच जाएगी।
जोशीमठ में भूस्खलन के कारण स्थितियां विकट हैं, परिवारों को स्थानांतरित किया जा रहा है। हरिद्वार जनपद की तरफ से 2500 कंबल और 1000 खाने के लिए जरूरी सामान के पैकेट भेजे जा रहे हैं। हम यहां अन्य जरूरी चीजों का भंडारण रखेंगे और आवश्यकता पड़ने पर भेजेंगे: DM विनय शंकर पांडे, हरिद्वार pic.twitter.com/dWdqZqVd6g
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2023
जोशीमठ में घरों, होटलों की दीवारों में दरार पड़ने से वहां के निवासियों में डर का माहौल बना हुआ है। दूसरी तरफ प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए घरों में ठहरने को मना किया हुआ है। बीते मंगलवार को भू -धंसाव के डर से प्रशासन ने घरों का ढ़हाना का काम शुरू किया था, लेकिन लोगों की भारी विरोध के चलते कल कार्रवाई को टाल दिया गया था। अब माना जा रहा है कि प्रशासन अपनी पूरी तैयारी के साथ आज से क्षतिग्रस्त मकानों, होटलों के ध्वस्तीकरण का काम शुरू करेगा। प्रशासन ने मंगलवार को 20 असुरक्षित भवनों के कनेक्शन काट दिए गए।
सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने बताया कि सीबीआरआई की टीम मौके पर लेट से पहुंची, इसलिए पहले दिन कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने वरिष्ठ अधिकारियों को मकानों को प्राथमिकता के आधार पर ढहाने के निर्देश दिए।