Farmers Protest: कृषी कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर बोले केंद्रीय मंत्री वीके सिंह- जो प्रदर्शन कर रहे हैं वे किसान तो नहीं दिखते
Farmers Protest: कृषी कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर बोले केंद्रीय मंत्री वीके सिंह- जो प्रदर्शन कर रहे हैं वे किसान तो नहीं दिखते
- तस्वीरों में कई लोग किसान नहीं दिखते
- नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बयान
- यह किसान नहीं है जिन्हें कृषि कानूनों से कोई समस्या है
- बल्कि वो दूसरे लोग हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बयान सामने आया है। वीके सिंह ने कहा, तस्वीरों में कई लोग किसान नहीं दिखते। किसानों के हित में जो था वो किया गया है। यह किसान नहीं है जिन्हें कृषि कानूनों से कोई समस्या है, बल्कि वो दूसरे लोग हैं। विपक्ष के अलावा, कमीशन पाने वाले लोग इसके पीछे हैं।
वीके सिंह ने कहा, "समय-समय पर मांग होती रही कि किसान को स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह किसी का बंधुआ ना रहे। यह काम सरकार ने कर दिया कि मंडी में बेचना चाहते हो तो बेचो और अगर बाहर बेचना चाहते हैं तो भी वे बेच सकते हैं। इसमें किसान को नहीं बाकी लोगों को तकलीफ हो रही है। इसमें विपक्ष के साथ-साथ उन लोगों का हाथ है जो कमिशन खाते हैं।
Many of the people in pictures do not appear to be farmers. What is in the interest of farmers has been done. It"s not the farmers who have a problem with this (farm laws), but others. Besides opposition, people who get commission are behind it (protest): Union Minister VK Singh pic.twitter.com/qQIg5bh8oy
— ANI (@ANI) December 1, 2020
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर है। ऐसे में मंगलवार को पंजाब से आए किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में 3 घंटे से अधिक बातचीत हुई। हालांकि बातचीत समाप्त होने के बाद बाहर आए किसान नेताओं ने अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही है। किसान नेताओं के मुताबिक फिलहाल यह बातचीत बेनतीजा रही है। किसान नेताओं का कहना है की बातचीत का अगला दौर अब गुरुवार को शुरू होगा।
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, भारत सरकार ने मंगलवार को किसानों के साथ तीसरे दौर की वार्ता संपन्न की। एक दूसरे के प्रति काफी समझ बनी है। हम लोगों ने यह तय किया है कि अब परसों यानी गुरुवार को वार्ता का अगला चरण शुरू होगा। गुरुवार को किसान अपना इश्यू लेकर आएंगे और फिर चर्चा की जाएगी।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, सामान्य तौर पर हम सब लोग चाहते थे की एक समिति बने, लेकिन उनका (किसानों) का कहना यह था कि सभी लोग एक साथ मिलकर बात करेंगे। हम किसान भाइयों से आग्रह करते हैं कि वह आंदोलन स्थगित करें और बातचीत करें, लेकिन यह निर्णय किसानों पर निर्भर करता है।