ओमिक्रॉन तबाही मचा कर चला जाएगा, फिर आएगी जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन?- झारखंड हाईकोर्ट

सरकार को फटकार  ओमिक्रॉन तबाही मचा कर चला जाएगा, फिर आएगी जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन?- झारखंड हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-11 05:27 GMT
ओमिक्रॉन तबाही मचा कर चला जाएगा, फिर आएगी जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन?- झारखंड हाईकोर्ट
हाईलाइट
  • रिम्स में इलाज की व्यवस्था बेहद खराब है

डिजिटल डेस्क,रांची। झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था ओमिक्रॉन को लेकर ठीक नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट ने सख्ती बरतते हुए सरकार को फटकार लगाई और सवाल किया कि, ओमिक्रॉन से बचाव को लेकर अब तक कौन से कदम उठाए गए है? क्या आप जिनोम सीक्वेंसिंग की मशीन तब लाएंगे जब ओमिक्रॉन हाहाकार मचा कर चला जाएगा? 

बता दें कि, रिम्स में इलाज की व्यवस्था बेहद खराब है। जिसके लिए एक जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर रही थी। इस सुनवाई में चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद शामिल थी और इन्होंने सरकार से पूछा कि, अब तक राज्य में बचाव के लिए कौन से कदम उठाए गए, कौन सी रणनीति तैयार की गई? लेकिन, इन सवालों का सरकार के पास कोई जवाब नहीं था, जिसके बाद कोर्ट ने नाराज होकर कहा, झारखंड में जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन क्या तब आयेगी, जब ओमिक्रॉन हाहाकार मचा कर चला जायेगा? 

अभी कहा होता है टेस्ट
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, अभी संक्रमितों की पहचान के लिए नमूनों को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए हेलीकॉप्टर से भुवनेश्वर भेजा जाता है। फिर रिपोर्ट मिलने में देरी होती है। जिससे मरीज की हालात भी खराब हो सकती है। पहले भी कोर्ट की तरफ से मशीन लाने के निर्देश दिए गए थे। उसका क्या हुआ ? बता दें कि, राज्य सरकार का कोर्ट में पक्ष रखा था अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने। लेकिन, कोर्ट तब और नाराज हो गई जब रिम्स निदेशक वर्चुअल तौर पर उपस्थित नहीं थे। 

निदेशक को सख्त हिदायत
कोर्ट की तरफ से रिम्स निदेशक को सख्त हिदायत देते हुए कहा गया कि, 13 दिसंबर को दिन के 10.30 बजे आपको सशरीर मौजूद रहना है ये कोर्ट का निर्देश है। इसके पहले निदेशक से शपथ पत्र दायर कर माफी मांगने की प्रक्रिया पूरी की गई। गौरतलब है कि, रिम्स में इलाज की बेकार हालात को कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था। 

 

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