आतंकवाद से पनपे हालातों और उसे सींचने वाले पाक पर NSA चर्चा हुई संपन्न

Delhi Declaration आतंकवाद से पनपे हालातों और उसे सींचने वाले पाक पर NSA चर्चा हुई संपन्न

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-10 03:23 GMT
हाईलाइट
  • आतंक पर NSA

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की मेज़बानी में  राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की आज अहम बैठक हुई। मीटिंग में अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के साथ-साथ आतंकवाद को सींचने में पाकिस्तान की भूमिका पर चर्चा हुई। अफगानिस्तान को लेकर दिल्ली में 8 देशों के NSA की बैठक बुधवार को हुई, जिसमें Delhi Declaration लॉन्च किया गया।  इस बैठक में मुख्यतः  आतंक के साझा खतरों और चिंताओं को लेकर बात की गई। बैठक के लिए सात देशों के रूस, ईरान, उज़्बेकिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दिल्ली पहुंच गए है।बैठक में अफगानिस्तान में आतंकवाद के खतरे कट्टरपंथ की चुनौती, नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार औऱ भारी भरकम हथियारों पर चर्चा की गई।

एनएसए बैठक में समावेशी सरकार बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया जो अफगानिस्तान के सभी लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व और देश में प्रमुख जातीय-राजनीतिक ताकतों सहित उनके समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हो। साथ ही जातीय-राजनीतिक ताकतों सहित उनके समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हो महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकार सुनिश्चित होने चाहिए।

सभी देशों के NSA  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात 

बैठक में शामिल हो रहे सभी एनएसए अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। भारत समेत बैठक में शामिल हो रहे किसी भी देश ने अभी तक तालिबानी निज़ाम को मान्यता नहीं दी है।  बैठक में अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकियों को पनाह देने, ट्रेनिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए ना हो, इस पर ज़ोर दिया गया।  सभी आतंकवादी गतिविधियों की कड़े शब्दों में निंदा की गई और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया कि अफगानिस्तान कभी भी वैश्विक आतंकवाद के लिए पनाहगाह ना बने क्षेत्र में कट्टरवाद, उग्रवाद, अलगाववाद और मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे के खिलाफ सामूहिक सहयोग का आह्वान किया गया।

भारत की अगुवाई में हो रही इस बैठक में पाकिस्तान के लिए भी बड़ा सन्देश है। यह बैठक बताती है कि अफगानिस्तान की पश्चिमी सीमा के करीबी सभी पड़ोसी इस मुद्दे पर भारत के साथ अपनी चिंताएं भी साझा करना चाहते हैं। पाकिस्तान और चीन इस बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे है। इस बीच बैठक के लिए भारत ने चीन  और पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया था  इस अहम बैठक में दोनों देशों के कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं रहा।

अफगानिस्तान में भले ही तालिबान और आईसाईएस-केपी के बीच आपसी रंजिश की तस्वीर बनाई जा रही हो या फिर आईएसआईएस को हालिया बम धमाकों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा हो। लेकिन पाक खुफिया एजेंसी के साथ दोनों के तार जुड़े हैं।भारत ने 10 नवम्बर की बैठक में शामिल होने को लेकर पाक को भी निमंत्रण दिया था लेकिन पाक ने शामिल होने से मना कर दिया। 





 

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