एक दिन में एक लाख भक्त कर सकेंगे दर्शन, महाकाल मंदिर परिसर में दिखेंगे भगवान शिव के 190 रूप
श्रीमहाकाल लोक कॉरिडोर एक दिन में एक लाख भक्त कर सकेंगे दर्शन, महाकाल मंदिर परिसर में दिखेंगे भगवान शिव के 190 रूप
- कॉरिडोर के पहले चरण उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। बनारस के काशी विश्वनाथ की तर्ज पर उज्जैन में बने श्री महाकाल लोक कॉरिडोर का लोकार्पण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। वे लगभग 750 करोड़ की लागत से बन रहे इस कॉरिडोर के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो कि 900 मीटर से ज्यादा लंबा और पुरानी रुद्र सागर झील के चारों ओर फैला हुआ है।
काशी कॉरिडोर से चार गुना बड़े इस कॉरिडोर का काम लगभग पूरा हो चुका है। कॉरिडोर को बनाते समय इसकी भव्यता और सुन्दरता के साथ दर्शन के लिए आने वाले श्रृद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान भी रखा गया है। इसका निर्माण इस तरह से किया गया है जिससे यहां आने वाले श्रृद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। आइए जानते हैं इस कॉरिडोर से जुड़ी खास बातें..
चौड़ी सड़कों से नहीं होगी ट्रैफिक समस्या
अभी तक सकरी गलियों के कारण महाकाल मंदिर परिसर के आसपास ट्रैफिक की बड़ी समस्या होती थी। लोगों खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को मंदिर पहुंचने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अभी मंदिर तक पहुंचने के लिए चारों तरफ से छोटी-छोटी गलियों से होकर गुजरना पड़ता था। लेकिन अब श्रृद्धालु चौड़े मार्ग से होते हुए कॉरिडोर तक पहुंचेंगे। इसके लिए मार्ग की चौड़ाई 70 मीटर तक की जा रही है। इसी के साथ महाकाल मंदिर चौराहे तक 24 मीटर चौड़ा मार्ग का निर्माण हो रहा है। लोगों को गर्मी में छाया मिल सके इसके लिए मंदिर परिसर में छायादार पेड़ लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा इस कॉरिडोर को ग्रीन कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसके लिए यहां 4 लाख से ज्यादा पेड़ों को लगाया जा रहा है। खास बात यह है कि यहां उन्हीं पेड़ों को लगाया जाएगा जो भगवान शिव के पसंदीदा हैं। इनमें कैलाशपति, शमी, रुद्राक्ष, गूलर, सप्तपर्णी, वटवृक्ष और पीपल शामिल हैं।
ई-रिक्शा की सुविधा
मंदिर तक बुजुर्ग श्रृद्धालु आराम से पहुंच सकें इसके लिए ई-रिक्शा सुविधा भी शुरु की जा रही है। ई-रिक्शा के लिए अलग से एक लेन तैयार हो रही है, ताकि ट्रैफिक मैनेज हो सके।
फैसिलिटी सेंटर
महाकाल कॉरिडोर में एक फेसिलिटी सेंटर का निर्माण भी कराया जा रहा है। इस सेंटर में जूता स्टैंड, वेटिंग रुम, रेस्टोरेंट, पीने का पानी, टिकट घर, रुकने के लिए आश्रम की भी व्यवस्था की जा रही है इसके अलावा भी कई छोटी-छोटी सुविधाओं की व्यवस्था श्रृद्धालुओं के लिए की जा रही है।
एक घंटे में एक लाख श्रृद्धालु कर सकेंगे दर्शन
कॉरिडोर प्रोजेक्ट का अभी एक चरण पूरा हुआ है जिसको कंप्लीट होने में अभी एक वर्ष का समय और लगेगा। जब यह पूरा हो जाएगा तब एक घंटे में 1 लाख श्रृद्धालु दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर को चारों तरफ से खुला बनाया जा रहा है। इसके लिए इसके आसपास के इमारतों को हटाया जा रहा है।
लाइट और साउंड शो भी होगा
यहां त्रिवेणी संगम के पास महाकाल पथ का बड़ा गेट बन रहा है जिसके बीच में फाउंटेन, लाइट एंड साउंड सिस्टम भई होगा। लोग इसका आनंद उठा सकें इसलिए सामने बैठने के लिए पवेलियन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा यहां देश का पहला नाईट गार्डन भी बनाया गया है।
विशाल परिसर में होंगे शिव के 190 स्वरुप
कॉरिडोर इतना विशाल और भव्य है कि इसे पूरा घूमने में ही श्रृद्धालुओं को लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगेगा। इसमें भगवान शिव के 190 अलग-अलग रुपों के दर्शन होंगे। इसके अलावा यहां भगवान शिव के शिव तांडव स्त्रोत, विवाह और अन्य प्रसंगों को बड़ी सुन्दरता से प्रदर्शित किया गया है। इस परिसर में महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र और धर्मशाला आदि सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
नजर आएगी कला संस्कृति की झलक
पूरा कॉरिडोर शिवगाथाओं से पटा रहेगा। यहां की दुकानों में भी भारतीय कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। यहां लगने वाली फूल-प्रसादी व अन्य सामानों की दुकानों की दीवालों पर सांस्कृतिक और धार्मिक कलाकृतियों से सजाया जाएगा। फेसिलिटी सेंटर के पास बनी कुछ दुकानों पर स्थानीय कलाकारों द्वारा मांडने बनाकर इन्हें पारंपरिक लुक देने का काम किया जा रहा है।
बता दें कि 11 चरणों में पूरे होने वाले इस कॉरिडोर का पहला चरण कंपलीट हो चुका है। बाकी के चरणों पर तेजी से काम चल रहा है जो कि 1 वर्ष के भीतर पूरा हो जाएगा।