अभी तक डेलमिक्रॉन वायरस के कोई केस नहीं आए, ये वक्त ओमिक्रॉन से लड़ने का है : स्वास्थ्य विशेषज्ञ

नया वेरिएंट अभी तक डेलमिक्रॉन वायरस के कोई केस नहीं आए, ये वक्त ओमिक्रॉन से लड़ने का है : स्वास्थ्य विशेषज्ञ

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-25 09:00 GMT
अभी तक डेलमिक्रॉन वायरस के कोई केस नहीं आए, ये वक्त ओमिक्रॉन से लड़ने का है : स्वास्थ्य विशेषज्ञ
हाईलाइट
  • ओमिक्रॉन है लक्षण प्रकृति में हल्का

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में एक नए कोरोनावायरस वेरिएंट डेलमिक्रॉन पर बहस बढ़ रही है, ऐसे में प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शनिवार को लोगों को अफवाहों पर ध्यान न देने और विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ या यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सीडीसी जैसी वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसियों की इसपर प्रतिक्रिया आने की प्रतीक्षा करने की सलाह दी है।

महाराष्ट्र के सी-19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ शशांक जोशी के हवाले से भारत में डेलमिक्रॉन के बारे में कई खबरें सामने आई, जिन्होंने कहा, यूरोप और अमेरिका में डेल्टा और ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के साथ ही डेलमिक्रॉन सामने आया है। अभी तक ऐसा कोई कोरोना वेरिएंट सामने नहीं आया है। साथ ही ओमिक्रॉन के बाद सार्स-सीओवी-2 वायरस के एक और उत्परिवर्तन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं आई है, जो दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स, नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर हर्षल आर साल्वे ने आईएएनएस को बताया कि ऐसा कोई वेरिएंट मौजूद नहीं है।

साल्वे ने कहा, अभी तक डेलमिक्रॉन नामक कोई नया कोविड वायरस वेरिएंट सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा, ओमिक्रॉन भी कोई नया वायरस नहीं है क्योंकि यह एक उत्परिवर्तित कोरोनावायरस है। अब तक उपलब्ध सबूतों के अनुसार, इसकी संक्रामकता अधिक है, लेकिन लक्षण प्रकृति में हल्के हैं। इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत में कुल 415 ओमिक्रॉन मामले सामने आए हैं जबकि कम से कम 115 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वेरिएंट के 108 हैं, इसके बाद दिल्ली में 79 मामले हैं। गुजरात में 43 और तेलंगाना में 38 मामले हैं।

मेदांता-द मेडिसिटी इन गुड़गांव में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नेहा गुप्ता के अनुसार, भारत में अभी तक डेल्टा वेरिएंट ही प्रमुख स्ट्रेन है, जबकि ओमिक्रॉन अब तेजी से फैल रहा है। उन्होंने आईएएनएस को बताया, अभी तक अध्ययनों से पता चला है कि डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वेरिएंट में केवल 3 दिनों की एक छोटी ऊष्मायन (इनक्योबेशन)अवधि होती है जहां यह 2-28 दिन हो सकती है। इसका मतलब है कि तीसरी लहर कम अवधि की होगी और अगर कोरोना-उपयुक्त उपायों का पालन ठीक से नहीं किया जाता है तो मामले बढञ सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, अभी डेलमिक्रॉन वेरिएंट के लिए बेकार ही परेशान होने की जरूरत नहीं है।

(आईएएनएस)

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