जम्मू-कश्मीर के 14 जिलों में जमात-ए-इस्लामी के ठिकानों पर छापेमारी, एनआईए ने पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर की कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर के 14 जिलों में जमात-ए-इस्लामी के ठिकानों पर छापेमारी, एनआईए ने पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर की कार्रवाई
- एनआईए ने 14 जिलों में जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के घेरों पर ये छापे मारे
- 2019 में केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े 45 स्थानों पर छापेमारी की। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर एनआईए के अधिकारियों ने 14 जिलों में जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के घेरों पर ये छापे मारे हैं। 2019 में केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी संगठन को प्रो-पाकिस्तान और प्रो-सेप्रेटरिस्ट लीनिंग के कारण प्रतिबंधित कर दिया था। दिल्ली से एक वरिष्ठ डीआईजी और एक टीम छापेमारी से पहले श्रीनगर के लिए रवाना हुई थी।
श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपुर, अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा, कुलगाम, रामबन, डोडा, किश्तवाड़ और राजौरी जिलों में एनआईए की ओ से छापेमारी की गई है। सूत्रों के मुताबिक, जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को फंड करना चाहता था। सूत्रों ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी के कुछ सदस्य पाकिस्तान की सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस आईएसआई की मदद से आतंकी गतिविधियों की फंडिंग के लिए दुबई और तुर्की के रास्ते पैसे भेज रहे थे। सूत्रों ने कहा कि पैसा दान, स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर लगाया जा रहा था।
सूत्रों ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी घाटी में आतंकवादी और पत्थरबाजी को बढ़ाना चाहता था जिसमें 2019 में आर्टिकल 370 को सेस्पेंड करने के बाद गिरावट आई है। सूत्रों ने कहा, प्रतिबंधित संगठन ने आतंकी संगठनों में नए सदस्यों को शामिल करने के लिए एक गुप्त बैठक भी की। इससे पहले आईईडी की बरामदगी और लश्कर-ए-मुस्तफा के टॉप कमांडर हिदायतुल्ला मलिक की गिरफ्तारी से जुड़े मामलों में एनआईए ने 31 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी।