एनआईए ने एक्यूआईएस मामले में 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया

नई दिल्ली एनआईए ने एक्यूआईएस मामले में 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-12 20:00 GMT
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  • कर्नाटक से भागने की योजना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को कहा कि उसने भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) की गतिविधियों से जुड़े एक मामले में दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है।

एनआईए ने शनिवार को बेंगलुरु और ठाणे में छापेमारी की और संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया। एजेंसी ने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने इस मामले में दो गिरफ्तारियां की हैं। आरोपियों की पहचान कर्नाटक निवासी मोहम्मद अरी और महाराष्ट्र निवासी हमराज वरशीद शेख के रूप में हुई है।

एनआईए ने कहा, शुरुआती जांच से पता चला है कि आरोपी आरिफ और शेख प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े विदेश स्थित ऑनलाइन हैंडलर के संपर्क में थे। उन्होंने अपनी आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान जाने की विस्तृत योजना भी बनाई थी।

संदिग्ध आरोपी आरिफ एनआईए द्वारा सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था, वह आईएसआईएस में शामिल होने के लिए इराक के रास्ते सीरिया जाने की योजना बना रहा था। उसे बेंगलुरु के आंतरिक सुरक्षा प्रभाग (आईएसडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के बीच एक संयुक्त अभियान में बेंगलुरु से पकड़ा गया था। बाद में शेख को गिरफ्तार कर लिया गया। एनआईए सूत्रों ने दावा किया है कि आरिफ विदेश स्थित आतंकवादियों के संपर्क में था और उसकी संदिग्ध गतिविधियों के लिए उसे पकड़ा गया था।

सूत्रों ने कहा कि आरिफ कथित तौर पर भोले-भाले युवकों को कट्टरपंथी बना रहा था। केंद्रीय एजेंसियों को उसके द्वारा किए गए और उसके खाते में किए गए कई संदिग्ध लेनदेन मिले हैं। एनआईए ने उसके कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए और उसके लैपटॉप से टन डेटा बरामद किया जो बेहद आपत्तिजनक और भारत विरोधी बताया गया है। आरिफ कथित तौर पर एक निजी टेक फर्म में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहा था।

सूत्रों ने कहा कि आरिफ मार्च के महीने में कर्नाटक से भागने की योजना बना रहा था और अपने घर के सभी फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स को ऑनलाइन बेचने वाला था। एक सूत्र ने दावा किया कि आरिफ ने इराक के लिए टिकट भी बुक किया था और वहां से उसने सीरिया जाने की योजना बनाई थी।

सूत्रों ने बताया, उसने कबूल किया कि उसे युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए आईएसआईएस और अल-कायदा के विदेशों में स्थित संचालकों से धन प्राप्त हुआ। वह आईएसआईएस में शामिल होना चाहता था। वह टेलीग्राम ऐप के माध्यम से अपने संचालकों से संपर्क कर रहा था। हम पिछले दो वर्षो से उस पर नजर रख रहे थे। आज सुबह हमने छापेमारी की और उसे पकड़ लिया। मामले में आगे की जांच जारी है।

 

आईएएनएस

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