तीसरे दिन भी सुलगता रहा कासगंज, इंटरनेट सेवाएं बंद
तीसरे दिन भी सुलगता रहा कासगंज, इंटरनेट सेवाएं बंद
डिजिटल डेस्क, कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में दो समुदायों के बीच शुक्रवार को हुई झड़प की आग तीसरे दिन भी शांत नहीं हुई है। रविवार की सुबह कासगंज में एक बार फिर हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने नदरई गेट इलाके में दुकानों को आग के हवाले कर दिया। पूरे शहर में धारा 144 लागू करने के साथ ही रविवार रात 10 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई हैं। ऐसे में सवाल यहीं है कि कब तक कासगंज जलता रहेगा? आखिर उपद्रवियों को काबू करने में सरकार नाकाम क्यों साबित हो रही है?
"घर बिकाउ है" के लगे बोर्ड
26 जनवरी को हुई हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई थी। शनिवार को चंदन के शव के अंतिम संस्कार के बाद एक बार हिंसा भड़क उठी। ये घटनाएं तब भी जारी है जब कासगंज शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। हर जगह पुलिस और सुरक्षाबलों की मौजूदगी है। शहर के भीतर दाखिल होने वाले रास्तों को लगभग बंद कर दिया गया है और आने जाने वालों की तलाशी ली जा रही है। भड़की हिंसा के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। अपनी जान बचाने के लिए कई लोग अपने घर छोड़कर चले गए है। रिपोर्ट्स के अनुसार कई अल्पसंख्यक लोगों ने अपने घर के बाहर " घर बिकाउ है" का बोर्ड लगा दिया है।
हर किसी पर निगरानी संभव नहीं
नदरई गेट पर अलीगढ़ परिक्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने भारी सुरक्षाबल के बावजूद हिंसा भड़कने को लेकर कहा कि "देखिए हर एक व्यक्ति पर तो निगरानी रखी नहीं जा सकती है, लेकिन पुलिस और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से तैनात है। जो लोग भी हिंसा के लिए दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 39 लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है और दूसरे लोगों की तलाश की जा रही है।"
49 लोगों को किया गिरफ्तार
कासगंज हिंसा में अब तक कुल 49 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 10 लोगों को हत्या और दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 39 लोगों लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने के आरोप में पकड़ा गया है। मृतक के माता-पिता ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की थी। जिसे लेकर लेकर चंदन के शव के साथ परिजन और अन्य लोगों ने धरना दिया जिसमें कासगंज के सांसद भी शामिल हुए। इसके बाद मांगों को माने जाने के आश्वासन के बाद चंदन का अंतिम संस्कार हो सका।
दोषियों को मिले कड़ी सजा
बवाल की लगातार फैलती आग के बीच सियासत तेज हो गई है। पूरे घटनाक्रम पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। कासगंज के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने मामले में दोषियों को कड़ी सजा देने के साथ-साथ किसी के साथ अन्याय न करने की बात कही।
कानून व्यवस्था पर विफल
उधर, उत्तर प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि प्रदेश सरकार को असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इससे अन्य ऐसे तत्वों को सबक मिल सके। राज्य सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास
इस घटनाक्रम पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने कहा कि राज्य सरकार को गंभीरता दिखाते हुए स्थिति पर जल्द नियंत्रण करना चाहिए। पुलिस के अनुसार कासगंज थाने में शिकायत दर्ज कर ली गयी है। हिंसा में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।
भड़की हिंसा, हालात तनावपूर्ण
शनिवार को दिनभर शहर के कई इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ की घटनाएं हुई। खबरों के अनुसार उपद्रवियों ने कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। जिसे देखते हुए PAC की 5 कंपनियां और RAF की 1 कंपनी को तैनात कर दिया गया है। शुक्रवार रात से लगा कर्फ्यू अभी भी जारी है। स्थिति अभी नियंत्रण में बताई जा रही है, हालांकि हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए है।
रैली निकालने के दौरान हुआ विवाद
गौरतलब है कि शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर यूपी के कासगंज जिले के बिलराम गेट के पास से तिरंगा यात्रा गुजर रही थी। इस बीच कासगंज में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा दिए। ये सुनकर दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध किया और दोनों पक्षों में भिडंत हो गई। धीरे धीरे तनाव बढ़ने के बाद फायरिंग और तोड़-फोड़ हो गई। कई दुकानों में पथराव किए गए। आरोपों के मुताबिक दूसरे समुदाय की तरफ से की गई फायरिंग में चंदन गुप्ता नाम के युवक की मौत हो गई।मृतक को 302 बोर की गोली लगी है।
इस घटना के बाद कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। बवाल के दौरान शहर के बस स्टेट रोड पर पेट्रोल पंप के बिल्कुल पास उपद्रव करने वालों ने कबाड़ मे आग लगा दी। जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस फोर्स ने पहुंचकर दमकल बुलाकर आग पर काबू पाया। बवाल के बाद कासगंज शहर में पुलिस की ओर से कर्फ्यू जैसा माहौल बना दिया गया।