कश्मीर पहुंचे विदेशी राजनयिकों के होटल के करीब आतंकियों ने फायरिंग की, सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरा

कश्मीर पहुंचे विदेशी राजनयिकों के होटल के करीब आतंकियों ने फायरिंग की, सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-17 15:31 GMT
कश्मीर पहुंचे विदेशी राजनयिकों के होटल के करीब आतंकियों ने फायरिंग की, सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरा
हाईलाइट
  • कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे 24 देशों के विदेशी राजनयिक
  • मुस्लिम जाबाज फोर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली
  • राजनयिकों के होटल के करीब आतंकियों ने फायरिंग की

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे 24 देशों के विदेशी राजनयिकों के होटल के करीब बुधवार को आतंकियों ने फायरिंग की। श्रीनगर में डल झील के करीब कृष्णा ढाबे पर ये फायरिंग की गई है। इलाके में ये ढाबा काफी मशहूर है और बड़ी संख्या में टूरिस्ट यहां आते हैं। ढाबा संचालक के बेटे आकाश मेहरा पर फायरिंग के बाद आतंकी बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को सील कर दिया है और आतंकियों की तलाश की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शाम करीब 07.30 बजे ये फायरिंग की गई है। मुस्लिम जाबाज फोर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

बता दें कि यूरोपीय संघ, फ्रांस, मलेशिया, ब्राजील, इटली, फिनलैंड, बांग्लादेश, क्यूबा, चिली, पुर्तगाल, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, सेनेगल, ताजिकिस्तान, कीर्गिस्तान, आयरलैंड, घाना, एस्टोनिया, बोलीविया, मलावी, इरीट्रिया और आयवरी कोस्ट के राजनयिक कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं। अपने इस दौरे में ईयू का दल जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद बदले हालात और विकास योजनाओं को करीब से समझेगा। यहां पर स्थिति समान्य होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से कैसे विकास योजनाओं को एक नई रफ्तार मिल रही है इसे भी ये दल देखेगा। इस दल के सदस्यों की सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के बड़े अधिकारियों से बात होगी। 

इस दल ने जम्मू-कश्मीर में हुए डीडीसी चुनाव के बाद नवगठित डीडीसी सदस्यों और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। दूसरे दिन यह प्रतिनिधिमंडल जम्मू का दौरा करेगा। जहां वे डीडीसी सदस्यों और कुछ सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा उप राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे। अधिकारियों ने इस दौरे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे कुप्रचार से निपटने के लिए की जा रही कूटनीतिक कवायद बताया है।
 

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